Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद सियासत गरमा गई है। मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाले से जुड़े इस मामले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। रविवार को भूपेश बघेल परिवार सहित रायपुर स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे और बेटे से मुलाकात की। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए 22 जुलाई को प्रदेशव्यापी चक्काजाम और विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया
रविवार को भूपेश बघेल अपनी बेटी और बहू के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने रिमांड पर चल रहे बेटे चैतन्य बघेल से लगभग आधे घंटे तक मुलाकात की। मीडिया से चर्चा में बघेल ने कहा, अगर आज तुम्हारे दादा जिंदा होते, तो तुम्हें इस लड़ाई में देखकर गर्व महसूस करते। उन्होंने हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और कई बार जेल भी गए। उन्होंने कहा कि यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे विपक्ष की लड़ाई है, जिसे दबाने की कोशिश की जा रही है।
भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल कर राजनीतिक विरोधियों को परेशान कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच में जिनके बयान दर्ज हो चुके हैं, उनसे उनके और उनके बेटे का नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद सबसे पहले राहुल गांधी और फिर प्रियंका गांधी का कॉल आया, जो हमारे साथ खड़े हैं।
बघेल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में अडाणी समूह के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी थी और रायगढ़ के तमनार में पेड़ कटाई का विरोध किया जा रहा था, जिससे सरकार बौखला गई। हम जल-जंगल-जमीन की लूट के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, इसी वजह से ईडी की कार्रवाई कर विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है।
ईडी ने 18 जुलाई को भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर पर छापा मारा था। पूछताछ के बाद उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया और कोर्ट में पेश कर 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार, चैतन्य को रायपुर स्थित ईडी कार्यालय के एक कमरे में रखा गया है, जहां उनसे शराब घोटाले से जुड़ी पूछताछ की जा रही है।
कांग्रेस ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को बदले की राजनीति बताया है और इसका जोरदार विरोध करने का ऐलान किया है। 22 जुलाई को पूरे प्रदेश में दोपहर 12 से 2 बजे तक आर्थिक नाकेबंदी और चक्काजाम किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्गों, जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों के मार्गों को जाम किया जाएगा।