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भोपाल-इंदौर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुगम बनाएगी लास्ट माइल कनेक्टिविटी थीम

पिक एंड ड्रॉप फैसिलिटी से आकर्षित करेंगे मेट्रो की सवारी

अशोक गौतम
भोपाल। भोपाल और इंदौर शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आसान बनाने के लिए ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ थीम पर काम होगा। इस मोड से मेट्रो से उतरने के बाद किसी भी यात्री को उनको अपने घर अथवा गंतव्य स्थल तक पहुंचने के लिए वाहनों की बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।  दोनों शहरों के लिए कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार कराया जा रहा है। इससे मेट्रो से उतरने के बाद लोगों को सीधे, सिटी बस, मेट्रो की पिक एंड ड्रॉप फैसिलिटी, आॅटो, रैपिडो, ओला उबर, ई-साइकिल, सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगे। इससे यात्रियों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। इसमें पीपीपी मोड पर भी कुछ सुविधाएं यात्रियों को उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए मेट्रो कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार करा रहा है। 

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बस-मेट्रो दोनों का एक पास  

-मेट्रो या सिटी बस से यात्रा करने वालों के लिए एक पास पर विचार हो रहा है।
-परिवहन और मेट्रो कॉर्पोरेशन की संयुक्त कमेटी मासिक-वार्षिक पास देने का काम करेगी।
-मुख्य स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा होगी। यहां यात्री अपने वाहन पार्क कर सकेंगे।
-पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस वाले वाहनों के लिए भी जगह दी जाएगी। ये वाहन 5-10 मिनट रुक सकेंगे।
-मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का प्रयास है एक से दो किमी पर स्टेशन हो, ताकि लोग परेशान न हों।  

यात्रियों को यह होगा फायदा

-पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस बेहतर बनाने से ज्यादा से ज्यादा लोग निजी वाहनों के बजाय मेट्रो बस से सफर करेंगे।
-शहर में वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम होगा। सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी।
-यात्रियों को कम लागत में ज्यादा से ज्यादा दूरी तक सफर कर सकेंगे। समय की बचत भी होगी।
-पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अच्छी सर्विस मिलने पर मेट्रो रेल में यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी।
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मल्टी मॉडल इंट्रीग्रेशन

-मेट्रो कॉर्पोरेशन मेट्रो स्टेशन, बस, रेलवे और मुख्य स्थानों तक पहुंचने के लिए कनेक्टिविटी देगा।
-इससे यात्रियों को रोड क्रॉसिंग नहीं करना पड़ेगा।
-सिटी बसें मेट्रो स्टेशन होते जाएंगी, ताकि रोड से मेट्रो -रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड घूमकर न जाना पड़े।  

मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने पर फोकस

फिलहाल दोनों शहरों में सात आठ किलोमीटर का मेट्रो कॉरिडोर तैयार किया गया है। भविष्य में जब मेट्रो का पूरा नेटवर्क तैयार होंगे तो लास्ट माइल कनेक्टिविटी मॉडल सिटी परिवहन सुविधा नेटवर्क तैयार होगा। वर्तमान में मेट्रो के नेटवर्क बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है।
एस. कृष्णन चैतन्य, एमडी, मप्र रेल मेट्रो कॉर्पोरेशन 

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By Aniruddh Singh
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