Naresh Bhagoria
5 Dec 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल के नवीन शहीद स्मारक में आयोजित ‘पुलिस स्मृति दिवस परेड’ में शामिल होकर शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने परेड की सलामी ली और शहीदों के परिजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त की। कार्यक्रम में डीजीपी कैलाश मकवाना, एसीएस डॉ. राजेश राजौरा सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, कर्तव्य की बलिबेदी पर प्राणों का उत्सर्ग करने वाले हमारे लिए सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगे। बीते एक साल में 11 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। यह दुःखद है, लेकिन हमें गर्व है कि हमारे जवान अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को शांति का टापू कहा जाता है। यह हमारे पुलिस बल की सजगता और सेवा भावना का परिणाम है। नक्सलवाद, माफिया विरोधी कार्रवाई, साइबर अपराध नियंत्रण या जनजागरुकता- हर क्षेत्र में पुलिस ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।
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सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने मार्च 2026 तक मध्य प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, बीते साल में डेढ़ करोड़ के इनामी 10 नक्सलियों का खात्मा हुआ है। यह हमारी पुलिस की वीरता और दक्षता का उदाहरण है। बालाघाट में पुलिस ने नक्सल प्रभावित इलाकों में ‘एकल सुविधा केंद्र’ स्थापित किए हैं, जिससे सुरक्षा और विकास का माहौल मजबूत हुआ है।
सीएम यादव ने कहा कि पुलिस कर्मियों के लिए 25,000 मकान बनाए जाएंगे और हर साल 7,500 नए पुलिसकर्मियों की भर्ती होगी। अगले तीन सालों में विभाग के सभी रिक्त पद भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए ‘आउट ऑफ टर्न प्रमोशन’ जैसी पहलें जारी रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, जब कोई आपदा या संकट आता है, तो जनता सबसे पहले पुलिस पर भरोसा करती है। चाहे सड़क हादसा हो, साइबर अपराध या महिला सुरक्षा का मामला - पुलिस हर समय सेवा में तत्पर रहती है।
इस वर्ष मध्य प्रदेश पुलिस के 11 जवान शहीद हुए हैं- निरीक्षक स्व. संजय पाठक, निरीक्षक स्व. रमेश कुमार धुर्वे, सहायक उप निरीक्षक स्व. रामचरण गौतम, सहायक उप निरीक्षक स्व. महेश कुमार कोरी, प्रधान आरक्षक स्व. संतोष कुशवाह, प्रधान आरक्षक स्व. प्रिंस गर्ग, प्रधान आरक्षक स्व. अभिषेक शिंदे, प्रधान आरक्षक स्व. गोविंद पटेल, आरक्षक स्व. अनुज सिंह, आरक्षक स्व. सुंदर सिंह बघेल और आरक्षक स्व. अनिल यादव।
डीजीपी कैलाश मकवाना ने बताया कि 1959 से अब तक मध्य प्रदेश पुलिस के 1009 अधिकारी और जवान ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हैं। शहीदों के परिवारों की सुरक्षा और कल्याण हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेना से मुठभेड़ में शहीद हुए 10 सीआरपीएफ जवानों की याद में हर साल यह दिवस मनाया जाता है।
पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश पुलिस के जवानों ने शहीद पुलिसकर्मियों को सलामी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पुलिस ने आतंकवाद, नक्सलवाद और संगठित अपराध के खिलाफ अदम्य साहस दिखाया है। यह नवीन शहीद स्मारक हमारे शहीदों की शौर्यगाथा और त्याग का प्रतीक है।