पंजाब में बाढ़ से तबाही, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा
चंडीगढ़/अमृतसर। पंजाब इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में है, जिसने लाखों लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृतसर और गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और किसानों से सीधे संवाद किया।
खेतों में जाकर लिया हालात का जायजा
चौहान सबसे पहले अमृतसर ज़िले के अजनाला पहुंचे, जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित किसानों से बातचीत की। इसके बाद वह गुरदासपुर ज़िले के धर्मकोट रंधावा गांव भी पहुंचे। यहां वह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के ट्रैक्टर पर सवार होकर खेतों में गए और धान की बर्बाद फसल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा- नुकसान साफ दिख रहा है। खेत जलमग्न हो चुके हैं और धान की पूरी फसल बर्बाद हो गई है। रावी नदी से आई गाद ने अगली फसल के लिए भी संकट खड़ा कर दिया है।
केंद्र सरकार का आश्वासन- हरसंभव मदद मिलेगी
चौहान ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब की स्थिति का आकलन करने भेजा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार किसानों और आम लोगों की हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने बताया कि कृषि, ग्रामीण विकास, सड़क, ऊर्जा, वित्त और जल शक्ति मंत्रालयों के अधिकारियों की दो केंद्रीय टीमें भी पंजाब पहुंच चुकी हैं। ये टीमें हालात का विस्तृत आकलन कर केंद्र को रिपोर्ट सौंपेंगी।
राज्यपाल ने सौंपी रिपोर्ट, विपक्षी नेताओं से मुलाकात
इससे पहले पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर हवाई अड्डे पर चौहान को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट और फिरोजपुर जिलों में जान-माल, फसलों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का ब्यौरा दिया गया।
बाद में पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने चौहान को ज्ञापन सौंपा और अजनाला क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 2,000 करोड़ रुपए की तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की। साथ ही उन्होंने राज्य के लंबित 60,000 करोड़ रुपए जारी करने की अपील भी की।
पंजाब दशकों की सबसे भीषण बाढ़
- अब तक 37 लोगों की मौत
- 3.55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
- 1.75 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र की फसलें बर्बाद
यह तबाही सतलुज, व्यास और रावी नदियों के उफान और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश से उत्पन्न हुई है।