Mithilesh Yadav
5 Oct 2025
Manisha Dhanwani
5 Oct 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार शाम को अचानक मौसम ने करवट ली और तेज बारिश ने पूरे शहर को तरबतर कर दिया। करीब एक घंटे तक लगातार हुई बारिश से मुख्य सड़कों पर 1 फीट तक पानी भर गया। वहीं, रायसेन जिले में दोपहर से रुक-रुक कर तेज बारिश होती रही। सागर में भी गरज-चमक के साथ झमाझम पानी गिरा। विदिशा, श्योपुर और बैतूल में भी रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। यह बारिश अरब सागर में उठे चक्रवातीय तूफान ‘शक्ति’ का असर है मना जा रहा है, जिसने बंगाल के दार्जिलिंग में भारी तबाही मचाई है।
मध्यप्रदेश के 12 जिलों ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम और राजगढ़-अशोकनगर के कुछ हिस्सों से मानसून विदा हो चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून की विदाई हो जाएगी। हालांकि, इससे पहले कुछ दिनों तक तेज और हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है। शनिवार को भी प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में बारिश दर्ज की गई, जिनमें इंदौर, बैतूल, दतिया, छतरपुर, रीवा, सागर, सतना, सीधी, उमरिया, सीहोर, देवास और आगर-मालवा शामिल हैं।
इस सीजन में पहली बार भोपाल के तीन बड़े डैम कोलार, कलियासोत और भदभदा के गेट एक ही दिन खोले गए। कोलार डैम का एक गेट रविवार सुबह 8 बजे खोला गया, जबकि शनिवार रात 8:30 बजे भदभदा डैम का गेट खोलकर बड़े तालाब से पानी की निकासी शुरू की गई। 10 मिनट बाद रात करीब 8:40 बजे कलियासोत डैम के दो गेट खोले गए।
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में पूर्वी मध्य प्रदेश में एक लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) सक्रिय है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने चक्रवातीय परिसंचरण के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में 6 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि नया सिस्टम नहीं बनता है तो 10 अक्टूबर तक मानसून की पूर्ण विदाई हो जाएगी। हालांकि, नया दबाव क्षेत्र सक्रिय हुआ तो मानसून की विदाई की तारीख आगे बढ़ सकती है।
अरब सागर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में चक्रवाती तूफान ‘शक्ति’ सक्रिय हुआ है, जो वर्ष 2025 का पहला चक्रवाती तूफान है। यह तूफान 3 अक्टूबर को सक्रिय हुआ और 4 अक्टूबर को इसकी गति बढ़ गई। अब यह तूफान भारत के तटीय राज्यों की ओर बढ़ रहा है, जहां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। 5 अक्टूबर को यह पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है, जबकि 6 अक्टूबर से इसके कमजोर पड़ने की संभावना है। हालांकि, इसका असर 7 अक्टूबर तक बना रह सकता है।