Aniruddh Singh
17 Oct 2025
Aniruddh Singh
16 Oct 2025
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार के शुक्रवार को बैंकिंग शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। इस तेजी के चलते निफ्टी बैंक इंडेक्स ने इतिहास में पहली बार 57,651.30 का स्तर छू लिया। यह सूचकांक मार्च 2025 के निचले स्तर से लगभग 10,000 अंकों की शानदार बढ़त दर्ज कर चुका है। यह नया रिकॉर्ड इसके पिछले उच्च स्तर 57,628.40 से भी ऊपर है, जो जुलाई 2025 में बना था। इस तेजी की अगुवाई देश के तीन बड़े बैंकों एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने की। शुक्रवार की सुबह के सत्र में ही बैंक निफ्टी 229 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। 2025 में अब तक निफ्टी बैंक ने समग्र निफ्टी की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां निफ्टी इंडेक्स करीब 9% बढ़ा है, वहीं बैंक निफ्टी में 13% से अधिक की वृद्धि हुई है।
यह दिखाता है कि निवेशकों का भरोसा बैंकिंग क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है। वहीं, आईटी सेक्टर की स्थिति बिल्कुल उलट है-निफ्टी आईटी इंडेक्स साल की शुरुआत से अब तक लगभग 19% गिरा है, जिससे स्पष्ट है कि निवेशक फिलहाल वित्तीय और बैंकिंग शेयरों को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। एचडीएफसी बैंक, जो बैंक निफ्टी में सबसे अधिक वजन वाला स्टॉक है, इस साल अब तक करीब 13% बढ़ा है, जबकि आईसीआईसीआई बैंक में 11% की तेजी आई है। इन दोनों बैंकों की मजबूती ने पूरे बैंकिंग सूचकांक को ऊंचा उठाया है। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि मौजूदा वित्तीय स्थिति में ढील और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीतिगत रियायतों के चलते बैंकिंग क्षेत्र आने वाले महीनों में भी निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
आरबीआई ने 2025 में अब तक 100 बेसिस पॉइंट की ब्याज दर कटौती की है और बाजार को उम्मीद है कि साल के अंत तक एक और कटौती संभव है। ब्याज दरें घटने से बैंकों के लिए कर्ज देना सस्ता और आसान हो जाता है, जिससे ऋण वितरण में वृद्धि होती है और मुनाफ़ा बढ़ने की संभावना बनती है। विश्लेषकों का कहना है कि क्रेडिट ग्रोथ यानी कर्ज वितरण की गति वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही से तेज हो सकती है, क्योंकि एसेट क्वालिटी यानी बैंकों की ऋण वसूली क्षमता अब स्थिर होती दिख रही है। इसके अलावा, 2027 से लागू होने वाले कुछ पूंजी शिथिलता उपायों और विदेशी उधार मानकों में ढील से निजी क्षेत्र के ऋण विस्तार को और समर्थन मिलेगा।
मौजूदा समय में बाजार की उम्मीदें कम हैं, यानी निवेशकों को दूसरी तिमाही के परिणामों से ज्यादा की उम्मीद नहीं है। इसका अर्थ यह है कि यदि कंपनियों के नतीजे अपेक्षा से बेहतर आते हैं, तो बाजार में और भी तेजी देखी जा सकती है। रिपोर्टों के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र में इस तिमाही के लिए आय (ईपीएस) वृद्धि की उम्मीद केवल 1% वर्ष-दर-वर्ष है, जो कोविड काल के बाद सबसे धीमी गति है। लेकिन यदि वास्तविक परिणाम इन अनुमानों से बेहतर निकलते हैं, तो शेयर कीमतों में और उछाल संभव है। दिलचस्प बात यह है कि घरेलू फंड अभी भी बैंकिंग शेयरों में पूरी तरह निवेशित नहीं हैं, जबकि विदेशी निवेशकों ने पिछले साल से अब तक लगभग 9 अरब डॉलर की बिकवाली की है। फिर भी, बैंकिंग सेक्टर के वैल्यूएशन आकर्षक बने हुए हैं।
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि वित्तीय शेयर इस समय एमएससीआई इंडिया इंडेक्स की तुलना में लगभग 22% सस्ते हैं, जिससे जोखिम बनाम लाभ का संतुलन निवेशकों के पक्ष में है। निफ्टी बैंक का यह रिकॉर्ड स्तर सिर्फ दीवाली रैली नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि यह भारतीय बैंकिंग सेक्टर की ताकत और निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत है। ब्याज दरों में नरमी, मजबूत बैलेंस शीट और दीर्घकालिक विकास संभावनाएं इस तेजी को और आगे बढ़ा सकती हैं और यही आने वाले समय का असली दीवाली धमाका साबित हो सकता है। यानी यह सेक्टर निवेशकों के लिए आगे भी बढ़त का क्षेत्र बना रहने वाला है।