Manisha Dhanwani
16 Sep 2025
नई दिल्ली। कैम्ब्रिज स्थित एस्ट्राजेनेका कंपनी ने पहली बार कोर्ट में यह स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड से जानलेवा ब्लड क्लॉटिंग जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में यूके हाईकोर्ट में जमा किए कानूनी दस्तावेजों में यह माना है कि इस वैक्सीन से बहुत ही दुर्लभ मामलों में टीटीएस हो सकता है। मेडिकल की भाषा में टीटीएस का मतलब किसी पेशेंट की उस अवस्था से होता है, जिसमें उसके शरीर में प्लेटलेट काउंट कम हो जाने के साथ ही खून के थक्के बनने लगते हैं।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन दुनियाभर में कोविशील्ड तथा वैक्सजेवरिया सहित अन्य ब्रांड नामों से भी बेची गईं थीं। इस मुकदमे की शुरुआत पीड़ित जेमी स्कॉट ने की थी, जिन्हें अप्रैल 2021 में वैक्सीन लगवाने के बाद परमानेंट ब्रेन इंज्यूरी का सामना करना पड़ा।
एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन, जिसे ऑक्सफोर्ड विवि के सहयोग से विकसित किया गया था, भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई है।