Shivani Gupta
23 Dec 2025
सागर। दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग सोमवार देर शाम सागर जिले की सीमा में प्रवेश कर गया। सिवनी से होते हुए नेशनल हाईवे-44 के रास्ते जब यह विशाल शिवलिंग महाराजपुर और देवरी पहुंचा, तो दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। देर रात काफिला कंटनी मंदिर के पास ठहरा। यह शिवलिंग तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के चंपारण ले जाया जा रहा है।
210 टन वजनी इस महाकाय शिवलिंग के दर्शन के लिए हाईवे पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। लोग सड़क किनारे खड़े होकर इस अद्भुत और विशाल शिवलिंग की एक झलक पाने को आतुर नजर आए। शिवलिंग के सुरक्षित परिवहन के लिए करीब 100 चक्कों वाले विशेष रूप से तैयार किए गए ट्रक का उपयोग किया जा रहा है। भारी वजन के चलते ट्रक की गति बेहद सीमित है और यह केवल करीब 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही आगे बढ़ पा रहा है।
यह धार्मिक यात्रा 21 नवंबर को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से शुरू हुई थी। अब तक काफिला करीब 1593 किलोमीटर की दूरी तय कर मध्य प्रदेश के सागर जिले तक पहुंच चुका है। आगे बिहार के चंपारण तक पहुंचने में अभी लगभग 20 दिन और लगने की संभावना है। पूरे मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालु पुष्पवर्षा और जयकारों के साथ शिवलिंग का स्वागत कर रहे हैं, जिससे यह यात्रा आस्था और भक्ति का अनोखा दृश्य पेश कर रही है।
दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंग के निर्माण में कारीगरों को करीब 10 साल का लंबा समय लगा। इस भव्य धार्मिक संरचना को आकार देने में लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत आई है। निर्माण के लिए शुरुआत में करीब 250 मैट्रिक टन वजन का विशाल ग्रेनाइट पत्थर चुना गया था।
कारीगरों ने अत्यंत मेहनत और सूक्ष्म कारीगरी के साथ ग्राइंडर और ब्लेड की मदद से पत्थर को मनचाहा आकार दिया, जबकि बारीक औजारों से उस पर आकृतियां उकेरी गईं। लंबे समय तक लगातार घिसाई और पॉलिशिंग की प्रक्रिया के बाद शिवलिंग को पूरी तरह चिकना और चमकदार बनाया गया। इस पूरी प्रक्रिया के बाद अब इस शिवलिंग का वजन करीब 210 टन रह गया है, जो इसे विश्व का सबसे विशाल शिवलिंग बनाता है।
चालक दल के सदस्य आलोक सिंह ने कहा कि इस शिवलिंग की ऊंचाई और गोलाई दोनों ही 33-33 फीट है। वे आगे बताते हैं कि इतने विशाल शिवलिंग को ले जाना अपने आप में सौभाग्य की बात है, लेकिन यह काम बेहद चुनौतीपूर्ण भी है। करीब 2 लाख 10 हजार किलो वजन होने के कारण रास्ते में आने वाले पुल और पुलियों को पार करते समय हमेशा खतरे की आशंका बनी रहती है।