Naresh Bhagoria
23 Dec 2025
रायपुर। ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन हो गया है। वे 89 वर्ष के थे। रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कहा है कि हिन्दी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन हो गया है। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और इसी अस्पताल में भर्ती थे। पिछले माह ही उन्हें हिन्दी साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें रायपुर स्थित उनके आवास पर प्रदान किया गया था।
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे विनोद कुमार शुक्ल, लगभग नौ दशक के जीवन-सफर के साथ, हिन्दी साहित्य में ऐसे लेखक के रूप में प्रतिष्ठित थे। उनके हिंदी साहित्य में अनूठे योगदान के लिए वर्ष 2024 में उन्हें 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। वे छत्तीसगढ़ राज्य के पहले लेखक थे, जिन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
विनोद कुमार शुक्ल ने उपन्यास और कविता दोनों विधाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी पहली कविता ‘लगभग जयहिंद’ (1971) प्रकाशित हुई। उनके प्रमुख उपन्यासों में ‘नौकर की कमीज’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘खिलेगा तो देखेंगे’ शामिल हैं। 1979 में प्रकाशित ‘नौकर की कमीज’ पर फिल्मकार मणिकौल ने इसी नाम से फिल्म भी बनाई। उनके उपन्यास ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है।