Garima Vishwakarma
13 Nov 2025
सर्दियों के मौसम में तापमान ठंडा होने के साथ हमें अपने शरीर पर भी ध्यान देना बहुत जरुरी है। कड़कड़ाती ठंड के इस मौसम में हार्ट अटैक के खतरे की संभावना भी सबसे अधिक होती है। क्योंकि इस सीजन में दिल के कारण रक्त प्रवाह रुक जाता है। और नसें सिकुड़ जाती है। हार्ट अटैक में दिल की मांसपेशियों तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता है। जिससे खून के थक्के बन जाते हैं।
अमेरिकन हार्ट अटैक एसोसिएशन के मुताबिक, ठंड का मौसम आते ही बॉडी अपने अंदर के तापमान को मेंटेन करने के लिए सजगताएं बनाती है। दरअसल इसमें एक प्रमुख प्रतिक्रयाएं धमनियों की दिवारों में चिकनी मांसपेशियां कस जाती है जिससे वाही का संकुचन होता है। नतीजतन वाही का व्यास छोटा होता है। और रक्तचाप बढ़ जाता है।
इस मौसम में अक्सर कई लोग ठंडे पानी से नहाते हैं। लेकिन यह आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है। दरअसल इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अचानक ठंडे पानी से नहाने के कारण रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती है। जिससे शरीर को झटका लगता है। और दिल का दौरा आने की संभावना सबसे ज्यादा होता है।
अगर आप ठंडे पानी से नहाते हैं तो सीधे शॉवर न ले, इसकी जगह आप बाल्टी से नहा सकते हैं। क्योंकि इसमें तापमान को कंट्रोल किया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग के साथ-साथ जिन लोगों के शरीर में ठंड के अनुकुल ढलने में दिक्कतें होती है। जैसे खराब रक्त संचार और मधुमेह से पीड़ित लोग। ऐसे लोगों के लिए डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि उन्हें सिर्फ सर्दियों के ऊनी कपड़ों से नहीं ढकना चाहिए। बल्कि ह्दय संबंधी जोखिम पर भी ध्यान देना चाहिए।