Manisha Dhanwani
16 Oct 2025
ब्यूनस आयर्स। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अर्जेंटीना यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा दी है। शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलई से ब्यूनस आयर्स में मुलाकात की। राष्ट्रपति मिलई ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें गले लगाकर आत्मीयता का प्रदर्शन किया। यह मुलाकात केवल एक औपचारिक भेंट नहीं रही, बल्कि इसमें खनिज, व्यापार, ऊर्जा, कृषि और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के ठोस प्रस्ताव सामने आए।
अर्जेंटीना खनिज संसाधनों से भरपूर देश है और भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं के मद्देनजर यह साझेदारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अर्जेंटीना के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी निर्माण में अहम भूमिका निभा सकता है। पीएम मोदी ने इस संदर्भ में भारत की क्लीन एनर्जी जरूरतों को रेखांकित करते हुए अर्जेंटीना को एक भरोसेमंद सहयोगी बताया। दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में पहले ही पांच समझौते हो चुके हैं, जिनमें कोल इंडिया लिमिटेड और KABIL जैसी भारतीय कंपनियां अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
साथ ही, अर्जेंटीना के विशाल शेल गैस भंडार भी भारत के औद्योगिक विकास में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि खनिज और ऊर्जा के क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभकारी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मिलई ने व्यापार और कृषि को भी आपसी सहयोग का आधार बनाने की बात की। भारत-मर्कोसुर प्राइमरी ट्रेड एग्रीमेंट को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने अर्जेंटीना से समर्थन मांगा, ताकि दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को मजबूती मिल सके। इसके साथ ही डिफेंस सेक्टर में भी सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
कृषि के क्षेत्र में दोनों नेताओं ने संयुक्त एक्शन ग्रुप की बैठक जल्द आयोजित करने का निर्देश दिया, जिससे कृषि तकनीकों और उपज में सुधार लाया जा सके। पीएम मोदी ने भारत के हेल्थ और फार्मा सेक्टर की ताकत का जिक्र करते हुए अर्जेंटीना से भारतीय दवाओं के आयात के लिए नियमों में ढील की मांग की। इस पर अर्जेंटीना ने फास्ट ट्रैक क्लियरेंस की प्रक्रिया लागू करने का आश्वासन दिया। यह कदम अर्जेंटीना के नागरिकों को सस्ती और जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराने में सहायक होगा।
भारत और अर्जेंटीना के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान में पहले से ही सहयोग रहा है। वर्ष 2007 में ISRO की मदद से अर्जेंटीना का पहला उपग्रह लॉन्च हुआ था। दोनों देशों ने इस साझेदारी को और आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। इसके अलावा, पीएम मोदी ने भारत की ड्रोन दीदी योजना का जिक्र किया, जिसमें ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन संचालन में प्रशिक्षित कर कृषि कार्यों में उनका सशक्तिकरण किया जा रहा है। यह पहल न केवल तकनीक के प्रसार का उदाहरण है, बल्कि ग्रामीण भारत के सामाजिक ढांचे को भी बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पीएम मोदी ने भारत के स्वदेशी सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम नाविक का भी उल्लेख किया, जो समुद्री मछुआरों को मछलियों की उपस्थिति का सटीक अनुमान देकर उनकी आय बढ़ाने में सहायक बन रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के डिजिटल क्रांति के प्रतीक बने UPI सिस्टम की सफलता का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किस तरह UPI ने भारत में लेन-देन को आसान और पारदर्शी बनाया है, जिससे किसानों, छोटे व्यापारियों और महिलाओं को माइक्रो क्रेडिट जैसी सुविधाएं मिली हैं। उन्होंने अर्जेंटीना से आग्रह किया कि वह इस तकनीक को अपनाने पर विचार करे, जिससे आर्थिक समावेशन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिले।
पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन देने के लिए अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मिलई का आभार व्यक्त किया। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अर्जेंटीना ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई थी। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र, कानून का शासन और शांति के साझा मूल्यों पर आधारित सहयोग को और मजबूत किया जाना चाहिए।
साथ ही, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मिलई को भारत की पहल इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया, जिसका उद्देश्य शेर, बाघ, तेंदुआ और जैगुआर जैसे बड़े बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखना है।
इस ऐतिहासिक दौरे की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक और स्वतंत्रता सेनानी जनरल होसे डी सैन मार्टिन के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कर की। सैन मार्टिन को दक्षिण अमेरिका के तीन प्रमुख देशों अर्जेंटीना, चिली और पेरू को स्वतंत्रता दिलाने वाले मुक्तिदाता के रूप में जाना जाता है।