वायु प्रदूषण रोकने के लिए भोपाल में 10 प्रमुख चौराहों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगाए जाएंगे मिस्ट स्प्रिंकलर
शाहिद खान
भोपाल। राजधानी में वायू प्रदूषण पर लगाम लगाने चौक-चौराहों और प्रमुख सड़कों पर लगाए गए फाउंटेन भले ही कारगर साबित न हुए हों, लेकिन नगर निगम ने अब पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मिस्ट स्प्रिंकलर लगाने का निर्णय लिया है। इन्हें प्रमुख चौक-चौराहों के साथ ही सड़कों के सेंट्रल और साइड वर्ज पर लगाया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर के 10 सबसे ज्यादा वायू प्रदूषण वाले चौराहों और सड़कों पर स्प्रिंकलर लगाए जाएंगे। ये स्प्रिंकलर पानी को तेज स्पीड में स्प्रे करेंगे। इनसे धुएं की शक्ल में निकला पानी अपने इर्दगिर्द 10 मीटर रेडियस (दायरे) में धूल के कणों को नीचे गिरा देगा। ये तरीका फिलहाल दिल्ली में आजमाया जा रहा है, जो कारगर साबित हुआ है। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत 10 स्प्रिंकलर लगेंगे । प्रयोग सफल रहा तो इन्हें पूरे शहर में लगाया जाएगा। मिस्ट स्प्रिंकलर कैसे करता है काम: मिस्ट स्प्रे सिस्टम में पानी की छोटी-छोटी बूंदें हवा में छिड़की जाती हैं, जो धूल के कणों को नीचे गिरा देती हैं। इसके परिणामस्वरूप हवा साफ होती है और प्रदूषण का स्तर कम होता है। यह सिस्टम मानसून छोड़ पूरे साल काम करेगा।
क्यों पड़ी जरूरत
राजधानी में वायू प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह शहर की उखड़ी सड़कें और लगातार निर्माण कार्य हैं। शहर में वर्तमान में मेट्रो जैसा बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा है, वहीं अमृत 2.0 योजना के तहत वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन और सीवेज नेटवर्क डाला जा रहा है। इसके लिए सड़कों की खुदाई की जा रही है जिससे प्रदूषण बढ़ा है। हवा में धूल की मात्रा बढ़ रही है। साथ ही शहर में दोपहिया और चार पहिया वाहनों का आंकड़ा दिनोंदिन बढ़ रहा है। इनसे निकलने वाला धुआं हवा में घुलने से वायू प्रदूषण बढ़ रहा है।
शहर में आठ हॉट स्पॉट
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राजधानी में 8 हॉट स्पॉट भी चिह्नित किए गए हैं, जहां पीएम 10 और पीएम 2.5 के कण ज्यादा रहते हैं। इन जगहों पर ज्यादा वाहनों, निर्माण कार्यों, सड़क की धूल और प्रदूषण के कारण वायु प्रदूषण बहुत गंभीर स्तर पर होता है। ऐसे में नगर निगम वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्मॉग गन का भी इस्तेमाल कर रहा है, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
क्या है प्लान
24 सड़कों और अनेक भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक क्षेत्रों को कवर करते हुए, इस पहल पर प्रोजेक्ट को तीन चरणों में लागू किया जाएगा। हालांकि शुरुआत 10 प्रमुख सड़कों पर मिस्टिंग सिस्टम लगाने से होगी। एसबीएम के इंजीनियर आरके त्रिवेदी ने कहा शहर में वायू प्रदूषण रोकने के लिए नगर निगम ने पहल की है। इसे अभी पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। अगर सब ठीक रहा तो इसे पूरे शहर में लागू करने का प्लान है।