Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
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Aakash Waghmare
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
गुना। क्रांतिवीर तात्या टोपे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में मंगलवार दोपहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं और सुरक्षा कर्मियों के बीच हुई जोरदार झूमाझटकी ने विश्वविद्यालय परिसर का माहौल तनावपूर्ण कर दिया। ज्ञापन देने आई छात्रसंघीय टीम और सुरक्षा स्टाफ के बीच बढ़ती नोकझोंक के दौरान कुलपति कक्ष के बाहर लगे कांच का शीशा टूट गया और एक कर्मचारी घायल हुआ। घटना का पूरा दृश्य सीसीटीवी में कैद हो गया है और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता विभिन्न समस्याओं और मांगों को लेकर ज्ञापन देने विश्वविद्यालय पहुंचे थे और उन्हें सीधे कुलपति से बात करने की इक्षा थी। प्रशासन ने बताया कि उसी समय कुलपति मूल्यांकन कार्य में व्यस्त थे और कुलपति कक्ष में प्रवेश के बजाय प्रतीक्षा करने का अनुरोध किया गया। प्रतीक्षा की अपील के दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी बढ़ी और कुछ कार्यकर्ता प्रशासनिक भवन में जबरन घुसने का प्रयास करने लगे। सुरक्षा व्यवस्था ने विरोध किया तो हाथापाई हुई, जिसमें कांच टूट गया तथा एक कर्मचारी को चोट आई जिसे उपचार के लिये अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद तहसीलदार और कैंट थाना की पुलिस तुरन्त पहुंच गई और परिसर में भारी पुलिसबल तैनात कर स्थिति नियंत्रित की गई।
घटना के बाद ABVP ने आरोप लगाया कि वे शांतिपूर्ण ढंग से ज्ञापन देने आए थे, परंतु प्रशासन ने छात्रों को दबाकर, अव्यवस्थित करार देकर बदनाम करने का प्रयास किया। परिषद के विभाग संयोजक आदित्य शाक्य ने कहा कि उनकी प्राथमिक मांगें पुस्तकालय की हालत सुधारना, अनुभवी शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, बस सेवा सुचारू करना और छात्रों के साथ शिक्षकों के दुराचार की शिकायतों की जांच कराना हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो परिषद उग्र आंदोलन करने पर विवश होगी। परिषद ने तोड़-फोड़ करने के आरोप को नकारते हुए कहा कि पुलिस द्वारा धक्का-मुक्की के कारण कांच टूटा और भ्रम फैलाया जा रहा है।
वहीं विश्वविद्यालय के सुरक्षा स्टाफ और कार्यालय कर्मचारियों ने परिषद के कार्यकर्ताओं पर ही अनुशासनहीनता और मारपीट का आरोप लगाया। सुरक्षा कर्मी अमित गौर ने कहा कि कार्यकर्ता आते ही नारेबाजी और धक्का-मुक्की करने लगे और प्रशासन ने शांतिपूर्ण समाधान का विकल्प दिया, परंतु छात्रों ने जबरन अंदर घुसने की कोशिश की। कार्यालय सहायक प्रशांत दुबे ने बताया कि कर्मचारियों ने रैलिंग बनाकर प्रवेश रोकने की कोशिश की तो कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके हाथ नाखूनों से चीर दिए और कुछ लोगों ने कांच तोड़ने का प्रयास किया। दोनों ओर से दर्जनों प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लिए जा रहे हैं और घटना का वीडियो भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
घटनास्थल पर कुलपति डॉ. कृष्ण यादव ने बाहर आकर स्वयं ज्ञापन प्राप्त किया। ज्ञापन में मांगों में पुस्तकालय के पुस्तकों के भंडार में वृद्धि, नियमित फैकल्टी की नियुक्ति, खेल विभाग के गठन, परिसर हेतु भूमि पूजन तथा प्रवेश परीक्षा परिणामों की उच्च स्तरीय जाँच कर पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांगें शामिल हैं। कुलपति ने प्राथमिक स्तर पर संबंधित विभागों को निर्देश देने तथा समस्याओं की जांच कराने का आश्वासन दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि जिन निर्देशों और आवश्यकताओं की तुरंत पूर्ति संभव है, उन्हें त्वरित रूप से लागू किया जाएगा और जिन मामलों में व्यापक जांच आवश्यक है, उसके लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
गढ़ा थाना पुलिस ने दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और घायल कर्मचारी की रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी। विश्वविद्यालय ने परिसर में शांति और सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिसिंग की व्यवस्था की है और कहा है कि किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विद्यार्थी परिषद ने भी प्रदर्शनों के क्रम को लेकर अदालत और प्रशासन से संपर्क का भरोसा जताया है, जबकि दोनों पक्षों के बीच भविष्य में संवाद के लिए पुख्ता मंच स्थापित करने का प्रस्ताव भी उठाया जा रहा है।
(रिपोर्ट - राजकुमार रजक, गुना)