Aniruddh Singh
14 Oct 2025
नई दिल्ली। देश के डिजिटल भविष्य को आकार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अडाणी एंटरप्राइजेज ने अपनी संयुक्त उपक्रम कंपनी अडाणीकनेक्स के रूप से गूगल के साथ साझेदारी की है। दोनों कंपनियां मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारत का सबसे बड़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) डेटा सेंटर हब विकसित करेंगी। इस परियोजना में आधुनिकतम एआई वर्कलोड्स को संभालने की क्षमता होगी और इसके साथ हरित ऊर्जा से जुड़ी विशाल अवसंरचना भी स्थापित की जाएगी। इस एआई हब में गूगल लगभग 15 अरब डॉलर (करीब ₹1.25 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करेगा, जो 2026 से 2030 के बीच चरणबद्ध रूप से खर्च किया जाएगा।
इस परियोजना में गीगावाट-स्तर के डेटा सेंटर संचालन, मजबूत समुद्री केबल नेटवर्क और स्वच्छ ऊर्जा ढ़ांचा शामिल होगा। यह न केवल भारत के तकनीकी ढ़ांचे को नया रूप देगा बल्कि देश को वैश्विक एआई अर्थव्यवस्था के केंद्र में लाने में अहम भूमिका निभाएगा। इस परियोजना में एयरटेल भी सहयोगी के रूप में जुड़ी है। तीनों कंपनियां मिलकर एक ऐसे डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेंगी जो भारत के डेटा और ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा देगा। अडाणीकनेक्स और गूगल का यह सहयोग भारत के लिए एआई क्षमता को बढ़ाने वाला मील का पत्थर माना जा रहा है। अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने कहा यह साझेदारी केवल अवसंरचना निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उभरते भारत की आत्मा में निवेश है।
गौतम अडाणी ने कहा विशाखापत्तनम अब वैश्विक प्रौद्योगिकी गंतव्य बनने की राह पर है और यह परियोजना भारत की डिजिटल क्रांति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी। वहीं, गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने कहा भारत के विशाल संभावनाओं को एआई युग में साकार करने के लिए यह निवेश बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस एआई हब के माध्यम से भारत में एआई आधारित नवाचार, शोध और उद्यमों को नई ऊर्जा मिलेगी। यह केंद्र न केवल डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए बुनियादी ढ़ांचा प्रदान करेगा बल्कि भारतीय व्यवसायों, शोधकर्ताओं और क्रिएटर्स को विश्वस्तरीय तकनीकी सहायता भी देगा।
इस एआई हब की स्थापना के साथ ही, दोनों कंपनियां आंध्र प्रदेश में नई ट्रांसमिशन लाइनों, स्वच्छ ऊर्जा संयंत्रों और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में भी संयुक्त निवेश करेंगी। यह कदम न केवल परियोजना की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा बल्कि राज्य के बिजली तंत्र को भी अधिक सशक्त बनाएगा। यह पहल भारत के नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में भी एक बड़ा योगदान मानी जा रही है। परियोजना के पूरा होने पर यह विशाखापत्तनम और आसपास के क्षेत्रों में, विशेष रूप से तकनीकी, निर्माण और नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में, हजारों रोजगार सृजित करेगी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा और भारत की जीडीपी वृद्धि में भी सकारात्मक योगदान होगा।