Naresh Bhagoria
20 Dec 2025
Naresh Bhagoria
20 Dec 2025
Naresh Bhagoria
20 Dec 2025
Manisha Dhanwani
20 Dec 2025
पल्लवी वाघेला
भोपाल। भोपाल की एक पत्नी, पति से इसलिए तलाक चाहती है, क्योंकि वह उसकी खरीदारी की लत से परेशान हो चुकी है। हनीमून पर भी पति ने घूमने से ज्यादा शॉपिंग पर फोकस किया। बेटी के जन्म के बाद स्थिति बहुत बिगड़ गई। पति बिना सोचे-समझे दो साल की बच्ची के लिए खरीदारी करता है और कहता है कि इस पर छूट थी, बाद में नहीं मिलेगी। अब इतने कपड़े और सामान है कि बेटी 5 साल की हो जाएगी, तब तक चलेगा। अरेरा कॉलोनी निवासी पत्नी ने तलाक का केस लगाने वकील से संपर्क किया है। शॉपिंग की इस आदत को कंपल्सिव बाइंग डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है। इस तरह के तलाक के आवेदन फैमिली कोर्ट तक पहुंच रहे हैं। भोपाल में ऐसे 9 मामले विचाराधीन हैं। वहीं, इंदौर में 7, ग्वालियर में 3 और जबलपुर में 8 मामले हैं।
एक्टर अरशद वारसी के मुताबिक, वह सुबह उठते ही ऑनलाइन शॉपिंग करने लगते हैं। वो मन को समझाने के लिए मान लेते हैं कि यह सामान किसी ने गिफ्ट किया है। इस डिसऑर्डर के शिकार या हद से ज्यादा शॉपिंग करने वालों में स्वतंत्र पत्रकार और लेखक एविस काडेर्ला, अमेरिकन सिंगर डेमी लोवेटो और जर्मन राजनेता विंस वॉन जैसे नाम शामिल हैं।
जबलपुर के विजय नगर निवासी एक पति के मुताबिक पत्नी की खरीदारी की बीमारी की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान हो चुका है। सास बनी परेशानी इंदौर में एमवाय क्षेत्र निवासी महिला, सास की शॉपिंग से परेशान है। शादी को केवल सवा साल हुआ है, उसके बेडरूम में भी सास का सामान भरा है। सास आए दिन इसके लिए पति से पैसे मांगती है। उसने जब सामान बाहर फेंकने की बात की तो सास ने हंगामा खड़ा कर दिया और सामान रखने ऑनलाइन आगेर्नाइजर मंगवा लिए।
भोपाल के पंजाबी बाग निवासी पति ने बताया कि उसकी पत्नी को कोविड के दौरान कुकिंग की हॉबी लगी। यूट्यूब पर और टीवी पर कुकरी शोज देख-देख कर पत्नी एयर फ्रायर, ब्लो टार्च लाइटर, कंवेक्शन ओवन, अलग-अलग तरह की सर्विंग प्लेट और न जाने कितनी ही चीजें खरीद चुकी है। एक्सपेरिमेंट के चक्कर में वह बेस्वाद खाना बनाने लगी है और चोरी छिपे सामान खरीदकर बजट भी बिगाड़ रही है।
भोपाल की मनोचिकित्सक दिव्या दुबे ने कहा कंपल्सिव शॉपिंग डिसऑर्डर की वजह से लोगों के रिश्तों में खटास आने लगती है। लंबे समय तक यह आदत रहे, तो मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे- एंजाइटी, डिप्रेशन और सेल्फ रेस्पेक्ट में कमी हो सकती है। एक्सपर्ट काउंसलिंग और कुछ सीवियर मामलों में दवाइयों के जरिए इससे छुटकारा पाया जा सकता है।