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पटना। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता जीतन राम मांझी ने महागठबंधन के घोषणा पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे 'ख्याली पुलाव' बताते हुए कहा कि यह घोषणापत्र जमीन से जुड़ा नहीं है, बल्कि केवल कल्पनाओं पर आधारित है। मांझी ने महागठबंधन की एकजुटता पर भी सवाल उठाए और कहा कि इसके नेता सिर्फ अपने निजी स्वार्थों के लिए एक साथ आए हैं। उनके अनुसार, जहां व्यक्तिगत हितों की बात आती है, वहां मतभेद होना स्वाभाविक है।
दरअसल, महागठबंधन ने अपने घोषणापत्र तेजस्वी प्रण पत्र में सरकारी नौकरियां देने, महिलाओं को भत्ता, और 200 यूनिट मुफ्त बिजली जैसी बड़ी घोषणाएं की हैं। मांझी ने इन वादों को जनता को लुभाने का एक चुनावी प्रयास बताया है।
घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए मांझी ने कहा, इनकी क्या जवाबदेही है? अगर ये सत्ता में होते तो अलग बात थी। इन्हें मालूम है कि इनकी सरकार आने वाली नहीं है। 2004 से पहले इनके माता-पिता की सरकार थी। तब कितना पलायन रुका था? उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन के दावे सिर्फ हवा में बने सपने हैं, जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं।
मांझी ने आगे गठबंधन में कथित दोस्ताना मुकाबलों पर भी तंज कसते हुए कहा कि अगर दल आपस में ही तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं, तो सरकार बनने की स्थिति में वे एक-दूसरे में दखल देंगे और ऐसी सरकार स्थिर नहीं रह पाएगी।
महागठबंधन के नेताओं ने 'तेजस्वी प्रण' को दलों और दिलों का संकल्प बताया है, जो बिहार को बदलने का एक दृढ़ निश्चय है। तेजस्वी यादव का कहना है कि यह सिर्फ घोषणाओं की बात नहीं, बल्कि बिहार को देश का नंबर-1 राज्य बनाने की ठोस कार्य योजना है। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने भरोसा दिलाया है कि सत्ता में आने के बाद हर वादे को वे पूरी निष्ठा और संकल्प के साथ पूरा करेंगे।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, केवल सरकार बनाना नहीं, बल्कि एक नया और विकसित बिहार गढ़ना है। अपने घोषणा पत्र में उन्होंने जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश की है, जिसमें युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर, पंचायती राज प्रतिनिधियों के भत्तों को दोगुना करने, पेंशन में वृद्धि और 200 यूनिट मुफ्त बिजली जैसे वादे शामिल हैं। तेजस्वी यादव लगातार एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अपराध और अफसरशाही को लेकर हमला बोलते रहे हैं और बिहार की जनता से बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाने की अपील कर रहे हैं।