देशभर में 21 साल बाद शुरू हुई स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया अब अपने दूसरे चरण में पहुंच गई है। इस चरण में 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं, लेकिन असम को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
मुख्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, SIR का दूसरा चरण इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू होगा —
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि असम में नागरिकता से जुड़े नियम देश के बाकी हिस्सों से अलग हैं। इसलिए असम के लिए SIR की प्रक्रिया अलग आदेश से और अलग तारीख पर शुरू होगी।
असम में नागरिकता कानून की धारा 6A लागू है। इसके तहत—
धारा 6A को 1985 में असम समझौते के तहत जोड़ा गया था। इस समझौते का उद्देश्य बांग्लादेश से आए प्रवासियों की पहचान और नागरिकता की सीमा तय करना था। हालांकि, यह प्रावधान बाद में कानूनी विवादों और विरोधों का कारण भी बना।
असम में 2019 में जारी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में करीब 19 लाख लोग सूची से बाहर रह गए थे। इससे राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। अब चुनाव आयोग नहीं चाहता कि SIR प्रक्रिया से फिर वैसा विवाद खड़ा हो, इसलिए वहां अलग आदेश जारी किया जाएगा।