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शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार (17 जुलाई) को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इस दौरान उद्धव ठाकरे के साथ उनके बेटे और विधायक आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। मुलाकात विधानसभा के अंटी-चेंबर में करीब 20 मिनट तक चली, जिसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद, त्रिभाषा सूत्र और हिंदी भाषा की अनिवार्यता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
मुलाकात के दौरान उद्धव ठाकरे ने फडणवीस को ‘हिंदी की ज़बरदस्ती आखिर क्यों?’ नामक पुस्तक भेंट की। इस पर मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि यह पुस्तक समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जाधव को भी दी जानी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष का पद विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार में होता है, लेकिन अब तक यह उद्धव ठाकरे गुट को नहीं दिया गया है। इसी को लेकर ठाकरे और आदित्य ने फडणवीस से मुलाकात की। इस दौरान ठाकरे गुट के कुछ अन्य विधायक भी मौजूद थे।
विधानसभा में देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को साथ आने का ऑफर भी दिया। उन्होंने कहा कि 2029 तक तो कोई स्कोप नहीं है, लेकिन उद्धवजी, आपको यहां शामिल करने पर विचार किया जा सकता है। जब इस बयान को लेकर उद्धव ठाकरे से पूछा गया, तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि जाने दीजिए, ये सब हंसी-मजाक की बातें हैं।
यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब हाल ही में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने मराठी बनाम हिंदी भाषा के मुद्दे को लेकर एक संयुक्त रैली भी की थी। इस रैली में दोनों नेताओं ने राज्य सरकार को कड़ा संदेश दिया था और मराठी भाषा के पक्ष में आवाज उठाई थी।