Priyanshi Soni
5 Nov 2025
Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
Priyanshi Soni
4 Nov 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने सोशल मीडिया पर एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बना वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें दिखाया गया है कि FBI एजेंट्स पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को ओवल ऑफिस से गिरफ्तार कर रहे हैं। वीडियो में ओबामा को हथकड़ियों में और बाद में जेल की पोशाक में दिखाया गया है, वहीं ट्रंप पास में बैठे मुस्कुरा रहे हैं।
जहां एक ओर ट्रंप समर्थक इसे राजनीतिक व्यंग्य बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे खतरनाक प्रोपेगेंडा मान रहे हैं, जो लोकतंत्र की जड़ों को हिला सकता है।
AI जनरेटेड इस वीडियो की शुरुआत बराक ओबामा के एक पुराने बयान से होती है, जिसमें वह कहते हैं, “कोई भी, खासकर राष्ट्रपति भी, कानून से ऊपर नहीं है।”
इसके बाद वीडियो में कुछ डेमोक्रेटिक नेताओं के क्लिप जोड़े गए हैं, जिनमें जो बाइडेन भी शामिल हैं। वे भी यही बात दोहराते हैं।
इसके तुरंत बाद दृश्य बदलता है और दिखाया जाता है कि ओबामा ओवल ऑफिस में बैठे हैं। तभी तीन FBI एजेंट अंदर आते हैं, ओबामा का कॉलर पकड़ते हैं, उन्हें धक्का देते हैं और हथकड़ी पहनाते हैं। ट्रंप पास ही कुर्सी पर बैठेकर मुस्कुराते नजर आते हैं। अंत में ओबामा जेल की पोशाक में एक सेल के अंदर दिखते हैं।

ट्रंप ने वीडियो के फर्जी या AI जनरेटेड होने की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। उन्होंने न तो इसे व्यंग्य बताया और न ही किसी कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए ट्रंप ने सिर्फ इतना लिखा, “यह वीडियो खुद बोलता है।”
उनके समर्थकों ने इसे एक प्रतीकात्मक दृश्य बताया है जो यह दर्शाता है कि कैसे ओबामा प्रशासन ने 2016 के चुनाव में हस्तक्षेप किया।
राजनीतिक विश्लेषकों और कई अमेरिकी नागरिकों ने इस वीडियो को अत्यंत आपत्तिजनक और लोकतंत्र के लिए खतरनाक करार दिया है। डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ी कई हस्तियों ने कहा कि एक राष्ट्रपति द्वारा इस तरह का वीडियो शेयर करना न केवल गुमराह करने वाला है, बल्कि यह राजनीतिक हिंसा को भी बढ़ावा दे सकता है।
प्रोफेसर नाओमी गोल्डबर्ग डिजिटल एथिक्स पर काम करती हैं। उन्होंने कहा, “AI का ऐसा इस्तेमाल अब लोकतंत्र के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाने लगा है। जब नेता खुद भ्रम फैलाएं, तो जनता किस पर भरोसा करे?”
ट्रंप ने कुछ हफ्ते पहले ही ओबामा पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि ओबामा प्रशासन ने झूठे आरोपों के जरिए यह साबित करने की कोशिश की थी कि ट्रंप रूस की मदद से चुनाव जीते। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भी हाल ही में इसी तरह का बयान दिया और दावा किया कि ओबामा और उनके प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी देशद्रोही साजिश में शामिल थे।
कुछ विश्लेषकों ने यह भी कहा कि यह वीडियो जानबूझकर ऐसे समय में पोस्ट किया गया जब जेफरी एपस्टीन केस को लेकर नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जिनमें कुछ ट्रंप से जुड़े नाम भी हैं। उनका कहना है कि यह एक ‘डिस्ट्रैक्शन टैक्टिक’ हो सकती है, ताकि पब्लिक और मीडिया का ध्यान दूसरी तरफ मोड़ा जा सके।