Naresh Bhagoria
22 Nov 2025
पीपुल्स संवाददाता, भोपाल। जब आप से सवाल किया जाए कि बच्चों का खिलौना खरीदते समय सबसे पहले क्या देखते हैं। अधिकतर माता पिता खिलौनों के रंग रूप और आकार को ही महत्व देते हैं। अगर सवाल हो कि क्या आप खिलौने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में सोचते हैं तो अधिकतर का जवाब नकारात्मक ही होगा। एम्स भोपाल द्वारा इसी विषय पर रोचक शोध किया गया। शोध के मुताबिक 34 फीसदी माता पिता खिलौने पर्यावरण के नुकसान के बारे में नहीं सोचते। यह शोध भोपाल के नर्सिंग महाविद्यालय में एमएससी पीडियाट्रिक नर्सिंग की स्टूडेंट प्रगति कुमारी ने किया।
शोध के मुताबिक अधिकतर माता पिता खिलौना खरीदते समय बच्चों की पसंद या नापसंद की परवाह नहीं करते। सिर्फ 24.7 प्रतिशत माता पिता ही इस बारे में बच्चों से पूछते हैं। वहीं इस दौरान माता-पिता यह भी देखते हैं कि खिलौना बच्चे की शारीरिक गतिविधियों (34.3%) या सामाजिक मेलजोल (32.7%) में मदद करता है या नहीं।
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सबसे खास बात यह है कि खिलौनों की खरीदारी में पर्यावरण को ध्यान में नहीं रखा जाता। सिर्फ 64.1% माता-पिता ही खिलौने के पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हैं। यानी, एक-तिहाई से ज्यादा लोग इस पहलू को नजरअंदाज कर देते हैं।
यह रिसर्च भोपाल के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र में की गई, जिसमें 251 माता-पिता को शामिल किया गया। अध्ययन ने यह भी दिखाया कि खिलौना खरीदने का निर्णय सिर्फ पसंद पर नहीं, बल्कि माता-पिता की उम्र, बच्चों की संख्या, परिवार की आर्थिक स्थिति और घर में किसका अंतिम फैसला चलता है, इन बातों पर भी निर्भर करता है।
कीमत को देखते हैं - 66.9%
गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं - 56.6%
रंग-रूप और डिजाइन - 48.2%
बच्चे की उम्र के हिसाब से उपयुक्तता - 45.4%
बच्चों को सुरक्षा - 43.4%
खिलौने की सुंदरता - 37.8%