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ग्रेटर नोएडा। शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस सेकेंड ईयर की छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या ने संस्थान में भूचाल ला दिया है। शुक्रवार शाम को हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटकी पाई गई। 21 वर्षीय छात्रा ने सुसाइड नोट में शिक्षकों पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। घटना के बाद छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिससे पुलिस और छात्रों के बीच तीखी झड़प भी हुई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया है और पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में लिया है।
ज्योति शर्मा मूल रूप से गुरुग्राम (हरियाणा) की रहने वाली थी। वह ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी के डेंटल विभाग की छात्रा थी और बीडीएस सेकंड ईयर में पढ़ाई कर रही थी। शुक्रवार शाम को वह हॉस्टल के 12वें फ्लोर पर स्थित अपने कमरे में अकेली थी, जबकि उनकी रूममेट्स बाहर गई हुई थी।
करीब 7 बजे एक छात्रा वापस लौटी तो देखा कि दरवाजा अंदर से बंद था। दो बार धक्का देने पर दरवाजा खुला और उसने देखा कि ज्योति फंदे पर लटकी हुई थी। तत्काल वार्डन और अन्य छात्रों को सूचना दी गई।
छात्रा द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में उसने दो शिक्षकों महेंद्र सर और शेरी मैम का नाम लेते हुए उन्हें आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। नोट में लिखा था, “अगर मेरी मौत हुई तो इसके लिए PCP और डेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे। महेंद्र सर और शेरी मैम मेरी मौत के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, मुझे अपमानित किया। उनकी वजह से लंबे समय से डिप्रेशन में हूं। मैं चाहती हूं कि उन्हें भी यही सब सहना पड़े। सॉरी… मैं अब और नहीं जी सकती।”

ज्योति की सहपाठियों के अनुसार, डेंटल कोर्स में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी होता है और हर प्रैक्टिकल के बाद टीचर का सिग्नेचर जरूरी होता है। कई बार टीचर्स सिग्नेचर देने में देरी करते थे, जिससे स्टूडेंट्स का काम अधूरा रह जाता था।
ज्योति पर फर्जी सिग्नेचर करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद तीन दिन गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार उसे PCP डिपार्टमेंट से भगा दिया गया। उसकी फाइल एचओडी को सौंप दी गई थी। एचओडी ने कहा कि अपने पैरेंट्स को बुलाओ, तुमने खुद ही साइन कर दिए हैं।
जब सोमवार को उसके माता-पिता आए, तभी उसे फाइल लौटाई गई। छात्रा इस घटनाक्रम से काफी परेशान थी और उस पर फेल करने की धमकी भी दी गई थी।
एक छात्रा ने आरोप लगाया कि जब ज्योति का शव मिला, तो वार्डन ने सुसाइड नोट छिपा लिया था। छात्रों के दबाव के बाद ही यह बात सामने आई कि ज्योति ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिखा था और शिक्षकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
शारदा यूनिवर्सिटी के पीआरओ डॉ. अजीत कुमार ने कहा, “यह एक दुखद घटना है। हम मृतका के परिवार के साथ खड़े हैं। फिलहाल दो शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है और जांच के लिए एक समिति बनाई गई है। रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
घटना के बाद छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। वे दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने और न्याय की मांग कर रहे थे। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की भी हुई। कुछ छात्रों का आरोप है कि प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा था, जिससे गुस्सा और भड़का।
ज्योति शर्मा के घर में मातम पसरा हुआ है। परिवार का कहना है कि ज्योति पढ़ाई में होशियार थी और हर चीज को लेकर गंभीर रहती थी। उनकी मांग है कि दोषी शिक्षकों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि किसी और की बेटी इस तरह शिकार न बने।