Aakash Waghmare
22 Nov 2025
Mithilesh Yadav
21 Nov 2025
Aakash Waghmare
21 Nov 2025
Manisha Dhanwani
21 Nov 2025
Aakash Waghmare
20 Nov 2025
पेरिस। फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिगिट मैक्रों को लेकर चल रहा लिंग पहचान से जुड़ा विवाद अब फ्रांसीसी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पत्नी ब्रिगिट ने दो महिला यूट्यूबरों के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया है, जिन्होंने दावा किया था कि ब्रिगिट जन्म से महिला नहीं थीं, बल्कि वे पहले एक पुरुष थीं और बाद में लिंग परिवर्तन के जरिए महिला बनीं।
यह मामला दिसंबर 2021 में शुरू हुआ, जब अमंडाइन रॉय नाम की एक महिला यूट्यूबर ने नताशा रे नाम की पत्रकार का एक लंबा इंटरव्यू लिया। चार घंटे के इस इंटरव्यू में नताशा रे ने दावा किया कि ब्रिगिट मैक्रों का असली नाम जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स था, जो कि दरअसल ब्रिगिट के भाई का नाम है।
रे ने कहा कि उन्होंने इस दावे की पुष्टि के लिए तीन साल तक रिसर्च की और उनके अनुसार ब्रिगिट ने लिंग परिवर्तन कराने के बाद इमैनुएल मैक्रों से शादी की थी। यह वीडियो वायरल हो गया और देखते ही देखते इस पर आधारित कई कॉन्सपिरेसी थ्योरी पूरी दुनिया में फैल गईं।
इस अफवाह के बाद ब्रिगिट मैक्रों और उनके भाई ने पेरिस की एक अदालत में मानहानि का केस दायर किया। सितंबर 2023 में अदालत ने फैसला सुनाते हुए दोनों महिलाओं को दोषी ठहराया और आदेश दिया कि वे ब्रिगिट मैक्रों को 7 लाख रुपए और उनके भाई जीन-मिशेल को 5 लाख रुपए का हर्जाना दें।
हालांकि 10 जुलाई 2025 को पेरिस की अपील अदालत ने इस फैसले को पलट दिया। अदालत ने कहा कि महिलाओं के बयानों को व्यक्तिगत राय माना जा सकता है और उन्हें मानहानि की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इस फैसले के खिलाफ ब्रिगिट मैक्रों और उनके भाई ने फ्रांस की सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। उनका कहना है कि यह केवल अफवाह नहीं, बल्कि उनकी गरिमा और निजी जीवन पर हमला है।
यह मामला केवल फ्रांस में नहीं रुका। अमेरिका में ट्रंप समर्थक दो पत्रकार कैंडेस ओवेन्स और टकर कार्लसन ने इस मामले को और ज्यादा प्रचारित किया। कैंडेस ओवेन्स ने सोशल मीडिया पर बार-बार यह दावा किया कि ब्रिगिट और उनके भाई वास्तव में एक ही व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी पूरी पत्रकारिता की प्रतिष्ठा दांव पर लगाती हूं कि ब्रिगिट मैक्रों वास्तव में पुरुष हैं।”
उन्होंने यूट्यूब पर Becoming Brigitte नाम की एक सीरीज भी शुरू की, जिसमें वे बार-बार ब्रिगिट मैक्रों की लिंग पहचान पर सवाल उठाती रहीं।
जनवरी 2025 में फ्रांसीसी राष्ट्रपति के वकीलों ने कैंडेस ओवेन्स को कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें कहा गया कि ब्रिगिट मैक्रों को अपनी महिला होने का प्रमाण किसी को देने की जरूरत नहीं है और ओवेन्स का व्यवहार अपमानजनक है।
लेकिन इसके बाद भी ओवेन्स ने अपने अभियान को नहीं रोका। फरवरी 2025 में उन्होंने फ्रांसीसी पत्रकार जेवियर पौसार्ड के साथ इंटरव्यू किया, जिन्होंने Becoming Brigitte नामक किताब भी लिखी है। यह किताब अमेजन पर बेस्टसेलर बन चुकी है।