नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) ने साल 2024 के दौरान कुल 7,113 डोपिंग टेस्ट किए। इनमें 6,576 यूरिन सैंपल और 537 ब्लड सैंपल शामिल थे। इन जांचों में 260 सैंपल डोपिंग में पॉजिटिव पाए गए, जिससे भारत की डोपिंग पॉजिटिविटी दर 3.6 प्रतिशत रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन देशों में 5,000 से अधिक डोपिंग टेस्ट किए गए, उनमें भारत की पॉजिटिविटी दर सबसे ज्यादा दर्ज की गई है।
रिपोर्ट : रिसर्च में वैज्ञानिक डेटा की कमी
वहीं WADA की सामने आई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय खेलों में कुछ गहरी संरचनात्मक समस्याएं मौजूद हैं। इनमें वैज्ञानिक रिसर्च की कमी के साथ-साथ कोच, डॉक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट को दवाओं व सप्लीमेंट्स की पर्याप्त जानकारी न होना शामिल है, जिसकी वजह से डोपिंग से जुड़े मामले सामने आते हैं।
दूसरी ओर डोपिंग पर रोक लगाने के लिए कई स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने एक नया एंटी-डोपिंग पैनल गठित किया है, वहीं केंद्र सरकार ने नेशनल एंटी-डोपिंग बिल को मंजूरी दी है। इसके अलावा, NADA ने वर्ष 2024 में 280 जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया, जिनमें करीब 37 हजार लोगों ने हिस्सा लिया।




















