Manisha Dhanwani
26 Oct 2025
Manisha Dhanwani
26 Oct 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश में आवारा कुत्तों के मामले में राज्यों के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर किसी भी राज्यों ने इस मसले पर जरूरी कदम नहीं उठाए। जिसके बाद कोर्ट ने सभी राज्यों सहित केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों को तलब किया है। SC की बैंच ने कहा कि केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर-निगम ने ही अनुपालन हलफनामा ( कार्रवाई की रिपोर्ट जारी) जारी की है। मामले की अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी
सोमवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने की । सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बाकी राज्यों ने अब तक यह बताने वाली रिपोर्ट दाखिल नहीं की है कि उन्होंने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों के तहत अब तक क्या कदम उठाए हैं। इससे पहले 22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े केस का दायरा दिल्ली-एनसीआर से बढ़ाते हुए पूरे देश में लागू किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसमें पार्टी बनाने का निर्देश दिया था।
“जिन कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर जहां से उठाया है, वहीं वापिस छोड़ दिया जाए। हालांकि, रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाए”
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश विक्रम नाथ ने कहा कि आवारा कुत्तों से संबंधित घटनाएं हर दिन बढ़ रही है। जिससे देश की छवि विदेशों में खराब हो रही है। इनकी घटनाएं आए दिन हम समाचारों में पढ़ रहे हैं। जस्टिस विक्रम नाथ, एनवी अंजारिया और संदीप मेहता की खंडपीठ ने राज्यों के अधिकारी को अगली सुनवाई में पेश होने को कहा है सात ही बताया कि अगर अधिकारी पेश नहीं होते तो उनपर कठोर कार्रवाई और भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा- यह समाज से जुड़ा चिंतन योग्य मामला है इसके लिए नेशनल लेवल पर पॉलिसी बननी चाहिए। हमने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया है। देश के बाकी हाईकोर्ट में जहां भी मामले लंबित हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाए। अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद अक्टूबर के लिए लिस्ट कर दी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल डॉग बाइट के कुल 26 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल तक यह आंकड़ा 68 हजार था। वहीं सर्वे से जारी रिपोर्ट में सामने आया कि 71 प्रतिशत लोगों ने स्वीकारा कि उनके इलाकों में कुत्तों का काटना और हमले आम बात हो गई है। पशुपालन मंत्रालय की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर के सर्वाधिक डॉग बाइट्स के मामलों में महाराष्ट्र सबसे उपर है। यहां 4 लाख 80 हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। महाराष्ट्र के साथ तमिलनाडु में भी 4 लाख केस सामने आए हैं। जबकि गुजरात में 3.9 लाख और कर्नाटक में 3.6 लाख कुत्तों के काटने के मामले सामने आ चुके हैं।