Manisha Dhanwani
12 Sep 2025
Mithilesh Yadav
11 Sep 2025
मुंबई। गुजरात के कांडला से मुंबई आ रही स्पाइसजेट की उड़ान संख्या SG-2906 में शुक्रवार को बड़ा हादसा होते-होते बच गया। कांडला एयरपोर्ट से टेकऑफ के बाद पायलट के सूझबूझ से विमान ने मुंबई की ओर उड़ान जारी रखी, जबकि रनवे पर विमान का एक बाहरी टायर गिर गया था।
एयरपोर्ट टावर कंट्रोलर ने टेकऑफ के तुरंत बाद एक काले रंग की बड़ी वस्तु रनवे पर गिरती देखी थी। एयरलाइंस प्रवक्ता ने पुष्टि की कि विमान का एक बाहरी पहिया रनवे पर रह गया, बावजूद इसके फ्लाइट ने सुरक्षित रूप से मुंबई की ओर प्रस्थान किया।
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) पर स्पाइसजेट की फ्लाइट SG-2906 ने तकनीकी खराबी की सूचना के बाद फुल इमरजेंसी घोषित कर दी गई। एयरपोर्ट प्रशासन ने एहतियातन पूरी सतर्कता बरतते हुए इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति दी। फ्लाइट ने 15:51 बजे रनवे नंबर 27 पर सुरक्षित लैंडिंग की। विमान में चालक दल समेत कुल 78 लोग सवार थे, जिनमें 75 यात्री शामिल हैं। सभी यात्री सुरक्षित रूप से विमान से उतारे गए और किसी को भी चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ी। लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट का परिचालन सामान्य रूप से बहाल कर दिया गया।
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बताया, 12 सितंबर को कांडला से मुंबई जा रही हमारी Q400 विमान में टेकऑफ के बाद एक बाहरी पहिया रनवे पर पाया गया। हमने अपनी यात्रा जारी रखी और विमान को सुरक्षित रूप से मुंबई एयरपोर्ट पर उतारा। इसके बाद विमान ने टर्मिनल तक खुद को पहुंचाया। सभी यात्री सुरक्षित हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है और तकनीकी कारणों का पता लगाया जा रहा है।
स्पाइसजेट का बॉम्बार्डियर DHC8-400 विमान ट्राइसाइकिल लैंडिंग गियर सिस्टम से सुसज्जित होता है। इसमें नोज गियर पर दो पहिये और प्रत्येक मुख्य लैंडिंग गियर पर दो मुख्य पहिये होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की तकनीकी खराबी बेहद गंभीर मानी जाती है और इसे भविष्य में रोकने के लिए कड़ी जांच जरूरी है।
इससे पहले 29 अगस्त को स्पाइसजेट की दिल्ली-श्रीनगर फ्लाइट SG-385 को श्रीनगर एयरपोर्ट पर प्रायोरिटी लैंडिंग करानी पड़ी थी। उस समय फ्लाइट में केबिन प्रेशर की चेतावनी मिली थी। फ्लाइट में 4 बच्चों सहित 205 यात्री और 7 चालक दल के सदस्य सवार थे। सभी यात्री सुरक्षित उतरे थे और किसी को चिकित्सा सहायता नहीं लेनी पड़ी थी। यह घटना भी एयरलाइन की तकनीकी खामियों पर सवाल उठाती है।