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आज की युवा पीढ़ी, खासकर Gen Z, शादी और लंबे रिश्तों को लेकर पहले जैसी जल्दबाजी में नहीं है। जहां पुराने समय में शादी को जीवन की स्थिरता और सफलता का पैमाना माना जाता था, वहीं आज सेटल होना कई युवाओं के लिए डर का कारण बन गया है। करियर, आजादी और खुद की पहचान ये तीन चीजें आज की जनरेशन की प्रायोरिटी लिस्ट में सबसे ऊपर हैं।
सेटलिंग डाउन फोबिया का मतलब है किसी रिश्ते या शादी जैसी स्थायी जिम्मेदारी से घबराना। ऐसे लोग अक्सर रिश्ते में होते तो हैं, लेकिन जैसे ही शादी या भविष्य की बात आती है, वे पीछे हटने लगते हैं। कमिटमेंट का ख्याल उन्हें बेचैन कर देता है और वे रिश्ते से दूरी बनाने लगते हैं।
1. करियर और पैसे का दबाव- आज के युवाओं पर पढ़ाई, नौकरी और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का भारी दबाव है। उनका मानना है कि पहले खुद को सेट करना जरूरी है, उसके बाद ही रिश्तों की जिम्मेदारी ली जाए। ऐसे में शादी का दबाव डर को और बढ़ा देता है।
2. आजादी की चाह- Gen Z को अपनी स्पेस और फ्रीडम बेहद प्यारी है। उन्हें लगता है कि शादी या कमिटमेंट से उनकी आज़ादी खत्म हो सकती है। यही सोच धीरे-धीरे फोबिया का रूप ले लेती है।
3. विकल्पों की भरमार- डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया ने विकल्पों की बाढ़ ला दी है। जब हर वक्त बेहतर ऑप्शन सामने दिखता है, तो किसी एक रिश्ते पर टिक पाना मुश्किल हो जाता है। मन में डर रहता है कि कहीं सेटल होकर कुछ अच्छा मिस न हो जाए।
4. रिश्तों को लेकर नई सोच- आज की जनरेशन शादी को मजबूरी नहीं, बल्कि एक पर्सनल चॉइस मानती है। वे बराबरी, समझ और स्पेस वाला रिश्ता चाहते हैं बिना किसी सामाजिक दबाव के।