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दिल्ली-मुंबई एयरपोर्ट पर गंभीर सुरक्षा खामियां उजागर, DGCA ने सभी ऑपरेटरों को 7 दिन में सुधार के आदेश दिए

नई दिल्ली। भारत के दो सबसे व्यस्त और अहम हवाई अड्डे दिल्ली और मुंबई एक बार फिर सुरक्षा और तकनीकी लापरवाही के मामले में चर्चा में हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की हालिया जांच में इन हवाई अड्डों पर फ्लाइट संचालन, रखरखाव और उपकरणों की निगरानी से जुड़े कई गंभीर खामियां सामने आई हैं। DGCA ने तत्काल संज्ञान लेते हुए सभी फ्लाइट ऑपरेटरों को 7 दिनों के भीतर सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है।

DGCA की निगरानी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

19 जून को DGCA द्वारा आदेश जारी करने के बाद दो विशेष निगरानी टीमों ने दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर व्यापक जांच की। इस दौरान एयर ऑपरेशन्स, एयरवर्दीनेस (उड़ान के लिए उपयुक्तता), रैम्प सुरक्षा, एटीसी (Air Traffic Control), CNS (कम्युनिकेशन, नेविगेशन और सर्विलांस) सिस्टम्स और प्री-फ्लाइट मेडिकल चेकअप जैसे कई अहम क्षेत्रों में निरीक्षण किया गया।

घिसे टायर वाला विमान उड़ान के लिए खड़ा था

जांच में यह तथ्य सामने आया कि एक घरेलू उड़ान के विमान के टायर पूरी तरह घिस चुके थे, बावजूद इसके उसे उड़ान की अनुमति दी गई थी। DGCA की टीम के हस्तक्षेप के बाद ही विमान को रोका गया और टायर की मरम्मत करवाई गई। यह घटना फ्लाइट सेफ्टी में लापरवाही की स्पष्ट मिसाल मानी जा रही है।

नहीं कराया गया नया सर्वे

एक प्रमुख हवाई अड्डे पर पाया गया कि ऑब्स्ट्रक्शन लिमिटेशन डेटा पिछले तीन वर्षों से अपडेट नहीं किया गया था, जबकि एयरपोर्ट के आसपास कई नई ऊंची इमारतें बन चुकी थीं। इसके बावजूद कोई नया एरोनॉटिकल सर्वे नहीं कराया गया, जिससे उड़ान की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी।

ग्राउंड हैंडलिंग उपकरण बदहाल

जांच में बैगेज ट्रॉली, बेल्ट लोडर जैसे ग्राउंड हैंडलिंग उपकरण खराब स्थिति में पाए गए। इसके अलावा, लाइन मेंटेनेंस स्टोर और टूल कंट्रोल सिस्टम का सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा था। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि थ्रस्ट रिवर्सर सिस्टम और फ्लैप स्लैट लीवर जैसे महत्वपूर्ण विमान पुर्जे अनलॉक हालत में पाए गए, जो किसी भी समय सुरक्षा दुर्घटना का कारण बन सकते थे।

तकनीकी लॉगबुक में डिफेक्ट रिपोर्ट दर्ज नहीं की गईं

DGCA ने पाया कि विमान प्रणाली द्वारा उत्पन्न डिफेक्ट रिपोर्ट्स को तकनीकी लॉगबुक में दर्ज नहीं किया गया, जिससे किसी भी खराबी की पहचान और भविष्य की रोकथाम मुश्किल हो जाती है। यह एक खतरनाक लापरवाही है, क्योंकि लॉगबुक विमान की सुरक्षा स्थिति को रिकॉर्ड करने का मुख्य जरिया होती है।

DGCA ने दिए 7 दिन में सुधार के आदेश

इन सभी खामियों को गंभीर सुरक्षा खतरा मानते हुए DGCA ने सभी एयरलाइन ऑपरेटरों और ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों को 7 दिनों में आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। DGCA ने यह भी संकेत दिए हैं कि अगर समय पर सुधार नहीं हुआ, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसमें लाइसेंस सस्पेंशन या जुर्माना भी शामिल हो सकता है।

 

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