Mithilesh Yadav
29 Oct 2025
MP Transfer News: मध्य प्रदेश में प्रशासनिक स्थिरता बनाए रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदारों के तबादलों पर रोक लगा दी है। यह कदम मुख्य रूप से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के कार्य को बिना रुकावट पूरा करने के लिए लिया गया है। आयोग के निर्देशों के अनुसार अब इन अधिकारियों के तबादले 7 फरवरी 2026 तक नहीं होंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव झा और संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर.पी.एस. जादौन ने इस संबंध में जानकारी दी है।
भारत निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को देखते हुए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR प्रक्रिया पूरी होने तक प्रदेश में कलेक्टर, एसडीएम (संयुक्त कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर) और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों का तबादला नहीं किया जाएगा। यह रोक आगामी 7 फरवरी 2026 तक प्रभावी रहेगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी होने तक संबंधित अधिकारियों का स्थानांतरण न हो। आयोग ने कहा है कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी या सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का पद खाली नहीं रहना चाहिए। इससे मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में कोई बाधा नहीं आएगी और निर्धारित समयसीमा में प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि फील्ड स्तर पर काम करने वाले बीएलओ (Booth Level Officer) और सुपरवाइजर जैसे कर्मचारियों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना कलेक्टर और राज्य शासन की जिम्मेदारी होगी। आयोग का कहना है कि फील्ड स्टाफ की कमी से मतदाता सूची से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं होने चाहिए।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा और संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर.पी.एस. जादौन ने जानकारी दी है कि मध्य प्रदेश में अब 7 फरवरी 2026 तक कलेक्टर, एसडीएम (संयुक्त कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर) और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों के तबादलों पर रोक रहेगी। यह रोक SIR प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए लगाई गई है।
आयोग ने यह भी कहा है कि यदि किसी अधिकारी का तबादला अत्यंत आवश्यक हो, तो इसके लिए चुनाव आयोग से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। हालांकि, इस अवधि में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के तबादलों पर कोई रोक नहीं होगी।
निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विशेष पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया निम्नानुसार होगी—
मूल्यांकन/प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025
घर-घर गणना: 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2025
प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशन: 9 दिसम्बर 2025
दावे और आपत्तियों की अवधि: 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026
अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
आयोग का कहना है कि इस पूरे पुनरीक्षण कार्य की अवधि के दौरान अधिकारी अपने पदों पर बने रहें, ताकि मतदाता सूची की प्रक्रिया में निरंतरता बनी रहे और किसी भी प्रशासनिक बदलाव से कार्य प्रभावित न हो।
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, अधिकारियों के तबादले अब 7 फरवरी 2026 के बाद ही किए जा सकेंगे। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में पारदर्शिता और सटीकता बनी रहे।
आयोग ने राज्य शासन से यह अपेक्षा भी जताई है कि सभी संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी निर्धारित समयसीमा के भीतर SIR से जुड़े कार्यों को पूरा करने में पूरा सहयोग दें।
इस प्रकार, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद मध्य प्रदेश में अब फरवरी 2026 तक प्रशासनिक तबादलों पर रोक रहेगी। आयोग का यह कदम मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को समय पर और निर्बाध रूप से संपन्न कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।