Manisha Dhanwani
28 Oct 2025
Peoples Reporter
27 Oct 2025
Shivani Gupta
27 Oct 2025
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कहा कि अब प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए अलग-अलग परीक्षाएं नहीं होंगी। सीएम ने राज्य कर्मचारी संघ के दिवाली मिलन समारोह में यह घोषणा करते हुए बताया कि यूपीएससी की तर्ज पर एक ही एग्जाम कराए जाएंगे। इसका मकसद रोजगार मिलने में होने वाली देरी को कम करना है।
सीएम ने कहा कि पुलिस में रिक्त 20 हजार से अधिक पदों को तीन साल में भरने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, विभिन्न संवर्गों के वेतन विसंगति और ग्रेड पे में बदलाव के लिए सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में कर्मचारी आयोग का गठन किया जाएगा।
सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमोशन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने का काम कर रही है और अक्टूबर तक एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के लिए 19,504 नए पद भरने का काम भी सरकार कर रही है।
सीएम ने बताया कि 9 साल से लंबित हाउस रेंट अलाउंस को कर्मचारियों को दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है और सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का श्रेय उन्हें जाता है।
राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने सीएम को कर्मचारियों की मांगों का पत्र सौंपा।
मुख्य मांगों में शामिल हैं-
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मंगलवार को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने आंकड़े और ऑडिट रिपोर्ट पेश की, लेकिन हाईकोर्ट ने संतोष नहीं जताया। अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी। हाईकोर्ट ने सभी विभागों का एकीकृत चार्ट बनाने और वर्तमान आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व स्पष्ट करने के निर्देश दिए।