Naresh Bhagoria
19 Dec 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में डिप्रेशन (अवदाब), टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर देखने मिल रहा है। इसी वजह से प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। अरब सागर में बना डिप्रेशन, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय तूफान ‘मोंथा’ और उत्तरी हिस्से में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के असर से प्रदेशभर में तेज आंधी, गरज-चमक और बारिश का दौर बना हुआ है।
मौसम विभाग ने (29 अक्टूबर) के लिए श्योपुर, मुरैना, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश, आंधी और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, वर्तमान सिस्टम के प्रभाव से अगले चार दिन तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहेगा। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों ओर बने सिस्टम की वजह से नमी लगातार आ रही है, जिससे बादल छाए रहेंगे और मौसम ठंडा रहेगा।
28 अक्टूबर को ग्वालियर, रतलाम, धार, बैतूल, श्योपुर, शिवपुरी, रीवा, मुरैना और उमरिया में अच्छी बारिश हुई। वहीं राजधानी भोपाल में दिनभर बादल छाए रहे और शाम को तेज आंधी चली। रतलाम में करीब 3 इंच, ग्वालियर में 2.5 इंच, जबकि शिवपुरी में 1.5 इंच बारिश दर्ज की गई। बारिश से कई जिलों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। ग्वालियर का दिन का तापमान 25 साल में सबसे कम 19.5°C तक पहुंच गया।
मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में बना डिप्रेशन तेजी से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है, जबकि बंगाल की खाड़ी में बना तूफान ‘मोंथा’ आंध्र प्रदेश तट को पार कर चुका है। इन दोनों सिस्टम्स से मिलने वाली नमी की वजह से मध्य प्रदेश के ऊपर ट्रफ लाइन एक्टिव है, जिससे लगातार बारिश हो रही है। प्रदेश के कई हिस्सों में अगले 48 घंटे तक बादल और गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
30 अक्टूबर (गुरुवार) को पूर्वी मध्य प्रदेश में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी है।
ऑरेंज अलर्ट: सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, अनूपपुर और सिंगरौली में 4 से 8 इंच तक वर्षा संभव।
येलो अलर्ट: पन्ना, कटनी, उमरिया, डिंडौरी, मंडला, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, झाबुआ, अलीराजपुर और बड़वानी।
31 अक्टूबर (शुक्रवार) को भी कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहेगा।
भारी बारिश का अलर्ट: झाबुआ, अलीराजपुर, बैतूल, पांढुर्णा, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और शहडोल।
मौसम विभाग का कहना है कि, 1 नवंबर तक प्रदेश का मौसम ऐसा ही रहेगा और 2 नवंबर से बादल छंटने लगेंगे। इसके बाद धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगेगी।
लगातार बारिश और बादलों की वजह से ग्वालियर का तापमान 19.5°C तक गिर गया, जो अक्टूबर महीने में 25 सालों का सबसे ठंडा दिन रहा। श्योपुर में भी तापमान 13.3°C तक लुढ़क गया। वहीं खंडवा में अधिकतम तापमान 31.5°C दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे अधिक रहा।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, नवंबर से फरवरी तक इस बार ठंड सामान्य से ज्यादा रहेगी। 2010 के बाद की सबसे ठंडी सर्दी इस बार महसूस की जा सकती है। ‘ला-नीना’ की परिस्थितियां बनने से सर्दियों के दौरान भी सामान्य से ज्यादा बारिश और तेज ठंडी हवाएं चलने की संभावना है।
आधिकारिक रूप से मानसून 13 अक्टूबर को विदा हो चुका है, लेकिन इस साल बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में औसतन 37.2 इंच के मुकाबले 48 इंच बारिश दर्ज की गई यानी 121% बारिश। गुना जिले में सबसे ज्यादा 65.7 इंच, श्योपुर में 216%, जबकि शाजापुर में सबसे कम 28.9 इंच (81%) बारिश दर्ज की गई। 50 जिलों में मानसून का कोटा फुल रहा। वहीं भोपाल, उज्जैन, सीहोर और बैतूल जैसे कुछ जिलों में थोड़ी कमी रही।