मॉस्को। भारत के बाद अब रूस ने भी लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है। रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने साल 1976 यानी 47 साल बाद चांद पर अपना यान भेजा है। इस मिशन का मकसद चंद्रमा पर पानी की खोज करना है। ये चांद के साउथ पोल पर उतरेगा। कहा जा रहा है कि भारत के चंद्रयान-3 से पहले रूस का लूना-25 चांद पर कदम रखेगा।
युज 2.1बी रॉकेट से किया गया लॉन्च
रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 11 अगस्त की सुबह 4:40 बजे के करीब अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 को लॉन्च किया गया। यह जगह मॉस्को से करीब 5,550 किमी ईस्ट में है। यान को सोयुज 2.1बी रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया। यह रॉकेट करीब 46.3 मीटर लंबा है, इसका डायमीटर 10.3 मीटर है और वजन 313 टन है।
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चांद पर चंद्रयान-3 से पहले करेगा लैंड
लूना- 25 में लैंडर हैं। यह चांद की मिट्टी के नमूने लेने और उनका एनालिसिस करने का काम करेगा। 5 दिन तक लूना-25 चांद की तरफ बढ़ता रहेगा। इसके बाद यह उसकी ऑर्बिट में 7-10 दिन चक्कर लगाएगा। जिसके बाद21 या 22 अगस्त को लूना-25 चांद की सतह पर उतर सकता है। वहीं भारत ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था, जो 23 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा।
पहली बार साउथ पोल पर करेगा लैंडिंग
रोस्कोस्मोस ने बताया कि इस मिशन का मकसद चंद्रमा पर पानी समेत दूसरी जरूरी चीजों की खोज करना है।ताकि भविष्य में जब इंसान चांद पर बेस बनाए तो उसके लिए वहां पानी की व्यवस्था की जा सके। इसके साथ ही सॉफ्ट-लैंडिंग टेक्नोलॉजी को डेवलप करना है। दरअसल, 2018 में NASA ने कहा था कि चांद के साउथ पोल पर पानी है। बता दें कि, रूस इससे पहले 1976 में चांद पर मिशन लूना-24 उतार चुका है। यह पहली बार होगा कि कोई मिशन चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करेगा।
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