Aakash Waghmare
18 Oct 2025
राजीव सोनी
भोपाल। दिवाली पर मध्यप्रदेश में पिछड़ी बस्तियों और साधनहीन परिवारों में त्योहार की रौनक फीकी न रहे इसके लिए राज्य आनंद संस्थान के वालंटियर्स ने अनूठी मुहिम शुरू की है। ‘हर घर दिवाली’ अभियान के तहत शहर और गांव-कस्बों में जरूरतमंद लोगों को ‘सौभाग्य की डलिया’ अर्थात पूजन सामग्री, मिठाई, कपड़े और फुलझड़ी-पटाखे बांटे जा रहे हैं। 10 हजार से अधिक परिवारों में ये गिफ्ट पैकेट्स पहुंचाए जा रहे हैं। मालवा, महाकोशल, ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड सहित मध्यभारत के जिलों में आनंदकों ने विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से यह मुहिम शुरू की है। मुरैना जिले में आनंदक सुधीर आचार्य कहते हैं गरीब परिवारों में 100-125 गिफ्ट पैकेट्स बांटते हैं।
मालवा में इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर और नीमच जिले में भी आनंद संस्थान ने अपने वालंटियर्स के जरिए हर घर दिवाली मुहिम चलाई है। इंदौर,देपालपुर,सांवेर, मालवा मिल और सती गेट क्षेत्र में सक्रिय आनंदक विजय मेवाड़ा, रवि गुप्ता, रविशंकर भाटिया और राजेंद्र सिसोदिया अपनी टीम के साथ करीब 850-900 परिवारों तक दिवाली की गिफ्ट पहुंचाते हैं। इन्होंने एमवाय अस्पताल से भी कुछ साधनहीनों का डाटा निकालकर उनके त्योहार में उमंग भरने के जतन किए हैं। मेवाड़ा बताते हैं कि ईंट भट्टे के 100 मजदूर परिवारों को चिन्हित किया गया है।
उज्जैन की बस्तियों में अपनी टीम के साथ पूजन सामग्री,कपड़े और मिठाई वितरण में जुटे प्रवीण जोशी बताते हैं कि नकद पैसों के बजाए हम लोग सामग्री ही बांटते हैं। इस काम में समाजसेवी और विभिन्न संस्थाएं भी मदद करती हैं।
इंदौर में 60 परिवार ऐसे चिन्हित किए गए हैं जिनके मुखिया दिवंगत हो चुके हैं। इन परिवारों को आटा-दाल, घी, कपड़े, मिठाई और पटाखे का पैकेट बांटे जा रहे हैं। विजय मेवाड़ा बताते हैं करीब 2 हजार रुपए की इस सामग्री को जुटाने के लिए कई लोगों ने आर्थिक मदद दी है।
कटनी के अनिल कांबले ने बताया कि त्यौहार की व्यस्तता के बीच धनतेरस पर यह ‘नेक काम’ करते हैं। 3 साल से यह अभियान चला रहे हैं। पिछले साल कुछ सामग्री बच गई थी। इसलिए इस बार 51 जरूरतमंद परिवारों तक ही राशन-पूजन सामग्री और मिठाई पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।
समाज का वंचित वर्ग भी त्योहार मना सके इस मंशा से हर घर दिवाली मुहिम शुरू की गई है। पिछले साल विभिन्न अंचलों में करीब 10 हजार परिवारों तक गिफ्ट पैक पहुंचाए थे।
सत्यप्रकाश आर्य, निदेशक राज्य आनंद संस्थान