Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के कैंपस में सोमवार देर रात हिंसा का माहौल बन गया जब दो हॉस्टलों के छात्रों के बीच मामूली कहासुनी देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गई। यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) के बाल्टिक हॉस्टल और स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर (एसओए) हॉस्टल के छात्र डंडे और लोहे की रॉड लेकर एक-दूसरे से भिड़ गए।
इस घटना में कई छात्रों के घायल होने की खबर है, हालांकि किसी के गंभीर रूप से घायल होने की पुष्टि नहीं हुई है। पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसकी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, झगड़े की शुरुआत एक फोन कॉल पर टोके जाने को लेकर हुई। एक छात्र ने दूसरे छात्र को फोन पर बात करने से रोका, जिससे दोनों में बहस शुरू हो गई। यह बहस इतनी बढ़ गई कि रात करीब 11 बजे दोनों हॉस्टलों के दर्जनों छात्र बाहर निकल आए और सड़क पर आमने-सामने आ गए।
कुछ ही देर में स्थिति बेकाबू हो गई। छात्रों ने डंडे और लोहे की रॉड से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। बीच-बचाव करने की कोशिश भी हुई, लेकिन माहौल हिंसक हो चुका था।
झगड़े का वीडियो सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोषियों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता छात्र द्वारा प्रशासन को सौंपे गए वीडियो और फुटेज के आधार पर जांच की जा रही है।
प्रशासन का कहना है कि संबंधित छात्रों से आज पूछताछ की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
घटना को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि यह मामला रैगिंग से जुड़ा नहीं है। एक अधिकारी ने कहा कि यह छात्रों के बीच आपसी विवाद था। हालांकि यह घटना गंभीर है, लेकिन इसे रैगिंग से जोड़ना उचित नहीं है। प्रबंधन ने बताया कि हॉस्टल और कैंपस में अब अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब हॉस्टल और कैंपस में सीसीटीवी कैमरे और गार्ड तैनात हैं, तो यह हिंसा कैसे हुई?* विशेषज्ञों का मानना है कि केवल तकनीकी निगरानी से समस्या हल नहीं होती। छात्रों के बीच संवाद, तनाव प्रबंधन और विवाद निपटाने की प्रणाली भी मजबूत होनी चाहिए।
हॉस्टल में रहने वाले कई छात्रों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि ऐसी घटनाओं से वे डरे हुए हैं। एक छात्र ने कहा कि हम हॉस्टल में पढ़ाई करने आते हैं, न कि लड़ाई में शामिल होने। प्रशासन को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए।"