Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
पुरी। उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा के दौरान रविवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया। करीब सुबह 4:30 बजे, जब रथ गुंडिचा मंदिर के सामने पहुंचा, वहां मौजूद भारी भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी के इस माहौल में 3 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक लोग घायल हो गए।
इस दर्दनाक घटना में जिन तीन श्रद्धालुओं की जान गई, उनकी पहचान बसंती साहू (36 वर्ष, बोलागढ़), प्रेमकांति महांती (78 वर्ष, बोलागढ़) और प्रभाती दास (बलिपटना ब्लॉक के अठंतरा गांव) के रूप में हुई है। ये सभी खुर्दा जिले से पुरी पहुंचे थे। घायलों को फौरन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु एक साथ रथ के पास पहुंच गए थे। जैसे ही रथ गुंडिचा मंदिर के सामने आया, लोग दर्शन के लिए आगे बढ़ने लगे। सुरक्षा बलों की मौजूदगी कम थी, और इस कारण भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका। इसी दौरान धक्का-मुक्की शुरू हुई, कुछ लोग गिर पड़े और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
हादसे के समय घटनास्थल पर एम्बुलेंस मौजूद नहीं थी। ऐसे में स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने घायलों को खुद ही उठाकर 108 सेवा की मदद से अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों का इलाज कर रही है। प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि सभी घायलों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है।
इससे दो दिन पहले, शुक्रवार 27 जून को भी रथयात्रा के दौरान भीड़ की वजह से 625 श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी, जिनमें से 70 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। 9 की हालत गंभीर थी। प्रशासन को पहले ही सतर्क रहना चाहिए था, मगर रविवार को फिर वही हालात दोहराए गए।
पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा की शुरुआत शुक्रवार, 27 जून को शाम 4 बजे हुई। सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ खींचा गया। इसके बाद देवी सुभद्रा और फिर भगवान जगन्नाथ के रथ खींचे गए। पहले दिन बलभद्र का रथ करीब 200 मीटर तक खींचा गया, जबकि सुभद्रा और जगन्नाथ के रथ भी कुछ दूरी तक ही खींचे जा सके।
तीनों रथों के गुंडिचा मंदिर पहुंचने के साथ रथ यात्रा का पहला चरण संपन्न हुआ।
पुरी की जगन्नाथ रथयात्रा भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। यात्रा के दौरान भगवान को श्रीमंदिर से बाहर लाकर गुंडिचा मंदिर तक रथ में ले जाया जाता है।
भगवान बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले ही गुंडिचा मंदिर पहुंच चुके थे। हादसा तब हुआ जब भगवान जगन्नाथ का रथ गुंडिचा मंदिर के सामने पहुंचा।
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों पर अब सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी धार्मिक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त बल नहीं था और न ही मौके पर कोई आपातकालीन सुविधा। ओडिशा सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही रथयात्रा में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की दोबारा समीक्षा शुरू हो चुकी है।
राज्य सरकार और श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना जताई गई है। साथ ही घायलों के इलाज और सहायता के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात कही गई है।