Aakash Waghmare
23 Oct 2025
Aakash Waghmare
23 Oct 2025
Shivani Gupta
23 Oct 2025
Priyanshi Soni
23 Oct 2025
मुंबई। इंडियन एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के चमकते सितारे और ओगिल्वी इंडिया के दिग्गज पीयूष पांडे का निधन हो गया। उन्होंने 70 साल की उम्र में मुंबई में अंतिम सांस ली। वे मिले सुर मेरा तुम्हारा से लेकर अब की बार मोदी सरकार जैसे कैंपेन का हिस्सा रहे थे। बिजनेसमेन सुहेल सेठ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए पीयूष पांडे के निधन की जानकारी दी।
सोशल मीडिया पर बिजनेसमेन सुहेल सेठ ने पीयूष पांडे को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे जीनियस के खोने से मैं बहुत दुखी और टूट गया हूं। भारत ने सिर्फ एक महान एडवरटाइजिंग माइंड ही नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और बहुत अच्छे इंसान को खो दिया है। अब स्वर्ग में 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' पर डांस होगा।
पीयूष पांडे का जन्म 1955 में राजस्थान के जयपुर में हुआ था। उनकी 7 बहनें और 2 भाई हैं। उनके भाई प्रसून पांडे जाने-माने फिल्म डायरेक्टर हैं, जबकि उनकी बहन इला अरुण गायिका और अभिनेत्री हैं। उनके पिता बैंक में काम करते थे।
शिक्षा की बात करें तो उन्होंने जयपुर से स्कूल की पढ़ाई की और बाद में दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया। पीयूष ने युवावस्था में क्रिकेट खेला और राजस्थान राज्य-टीम के लिए रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लिया।
पीयूष पांडे ने 27 साल की उम्र में विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई प्रसून पांडे के साथ शुरुआत की, जहां दोनों ने रेडियो जिंगल्स की आवाज दी। 1982 में उन्होंने ओगिल्वी इंडिया जॉइन किया और चार दशक से अधिक समय तक कंपनी से जुड़े रहे। 1994 में उन्हें ओगिल्वी के बोर्ड में नॉमिनेट किया गया।
पीयूष पांडे न केवल विज्ञापन के क्षेत्र में प्रसिद्ध थे, बल्कि उन्होंने कुछ यादगार क्रिएटिव प्रोजेक्ट्स भी दिए-
अबकी बार मोदी सरकार - राजनीतिक अभियान का हिस्सा
मिले सुर मेरा तुम्हारा - राष्ट्रीय संगीत कार्यक्रम
2016 - भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान
2024 - LIA लीजेंड अवॉर्ड
उनका अंदाज, उनकी क्रिएटिव सोच और सरलता हमेशा लोगों के दिलों में याद रहेगी।
1. फेविकॉल का ‘ट्रक वाला विज्ञापन’ (2007)
इस विज्ञापन में एक ट्रक के ऊपर ढेर सारे लोग बैठे हुए हैं और ऊबड़-खाबड़ सड़क पर भी ट्रक गिरता नहीं। पीयूष ने इस साधारण गोंद को इतना खास बना दिया कि यह हर घर में प्रसिद्ध हो गया। यह एड दर्शकों के दिलों में छा गया और कई अवॉर्ड भी जीते।
2. कैडबरी डेयरी मिल्क का ‘क्रिकेट वाला विज्ञापन’ (2007)
इस विज्ञापन में एक बच्चा छक्का मारकर खुशी में नाचता है और पूरा मोहल्ला उसके साथ झूम उठता है। पांडे की आवाज़ और टैगलाइन ‘कुछ खास है जिंदगी में!’ ने इसे लोगों से जोड़ दिया और आज भी यह याद किया जाता है।
3. एशियन पेंट्स - ‘हर घर कुछ कहता है’ (2002)
यह विज्ञापन एक परिवार की कहानी दिखाता है, जहां पिता की यादें दीवारों पर जीवित हो उठती हैं। टैगलाइन ‘हर घर कुछ कहता है’ ने लोगों के दिल को छू लिया और एशियन पेंट्स को मार्केट लीडर बना दिया।
4. हच (वोडाफोन) - ‘पग वाला विज्ञापन’ (2003)
इस विज्ञापन में एक बच्चा अपने प्यारे पग (पाल) के साथ चलता है। पांडे ने मोबाइल कनेक्टिविटी को दोस्ती और भरोसे से जोड़ दिया। ‘भाई, हच है ना!’ जैसी डायलॉग्स ने इसे घर-घर फेमस कर दिया। यह एड सिर्फ ब्रांड को री-ब्रांड करने में ही नहीं, बल्कि पग को राष्ट्रीय आइकॉन बनाने में भी सफल रहा।
5. बीजेपी का स्लोगन - ‘अबकी बार मोदी सरकार’ (2014)
पीयूष पांडे ने इस स्लोगन को लिखा, जो आज हर किसी के जुबान पर है।
6. पल्स पोलियो - ‘दो बूंदें जिंदगी की’
इस कैंपेन में भी उनकी क्रिएटिव सोच झलकती है। यह संदेश आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।