Shivani Gupta
8 Nov 2025
Aakash Waghmare
7 Nov 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फर्नीचर आयात पर नया टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले 50 दिनों में जांच पूरी होगी और उसके बाद तय किया जाएगा कि विदेशों से आने वाले फर्नीचर पर कितना शुल्क लगाया जाए। ट्रंप का मानना है कि इस कदम से अमेरिकी उद्योग को मजबूती मिलेगी और उत्पादन देश के अंदर लौटेगा।
ट्रंप ने अपने बयान में नॉर्थ कैरोलाइना, साउथ कैरोलाइना और मिशिगन जैसे राज्यों का जिक्र किया, जो कभी फर्नीचर उद्योग के बड़े केंद्र थे। सस्ते श्रम और कम लागत की वजह से कंपनियों ने उत्पादन विदेशों में शिफ्ट कर लिया। ट्रंप का कहना है कि टैरिफ से कंपनियां फिर से अमेरिका में उत्पादन शुरू करेंगी।
इस ऐलान का असर शेयर बाजार में तुरंत दिखा। Wayfair, RH और Williams-Sonoma जैसी कंपनियों के शेयर गिरे, जबकि अमेरिकी कंपनी La-Z-Boy के शेयर बढ़ गए। विश्लेषकों का मानना है कि टैरिफ से विदेशी उत्पाद महंगे होंगे और घरेलू कंपनियों को फायदा मिलेगा।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग इस समय जांच कर रहा है। यह जांच 1962 के ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट की धारा 232 के तहत हो रही है, जो सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े उत्पादों पर टैरिफ लगाने की अनुमति देती है। अभी यह साफ नहीं है कि यह टैरिफ मौजूदा शुल्क के अलावा होगा या उसकी जगह लेगा।
1979 में अमेरिकी फर्नीचर उद्योग में करीब 12 लाख लोग काम करते थे। लेकिन 2023 तक यह संख्या घटकर 3.4 लाख रह गई। इसका बड़ा कारण विदेशों में सस्ता उत्पादन और आउटसोर्सिंग है। ट्रंप का कहना है कि टैरिफ से रोजगार वापस आ सकते हैं।
ट्रंप प्रशासन का यह कदम घरेलू उत्पादन बढ़ाने और विदेशी निर्भरता घटाने की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। सरकार कॉपर, सेमीकंडक्टर और दवाओं जैसे उत्पादों पर भी टैरिफ लगाने पर विचार कर रही है। इसका असर भारत पर भी पड़ेगा, क्योंकि भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में फर्नीचर निर्यात करता है।