Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
नई दिल्ली। देश में आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत मिल सकती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में आयोजित ऊर्जा वार्ता 2025 में कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर बनी रहती है, तो अगले दो से तीन महीनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती संभव है।
हालांकि, पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अनुमान अंतरराष्ट्रीय स्थितियों की स्थिरता पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि यदि ईरान-इजराइल जैसे क्षेत्रों में कोई बड़ा भू-राजनीतिक तनाव पैदा होता है, तो वैश्विक तेल कीमतों में फिर से अस्थिरता आ सकती है, जिसका असर घरेलू कीमतों पर भी पड़ेगा।
रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा समय में तेल कंपनियों को पेट्रोल पर प्रति लीटर 12 से 15 रुपए और डीजल पर करीब 6 रुपए का मुनाफा हो रहा है। इसके बावजूद, बीते एक साल से पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है। अप्रैल में सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी के चलते भी कंपनियों ने खुद को दाम घटाने से बचा लिया था।
वर्तमान में केंद्र सरकार पेट्रोल पर 21.90 रुपए और दिल्ली सरकार 15.40 रुपए वैट लेती है। यानी कुल टैक्स 37.30 रुपए प्रति लीटर होता है। डीजल पर केंद्र सरकार 17.80 रुपए और दिल्ली सरकार 12.83 रुपए टैक्स लेती है, जिससे कुल टैक्स 30.63 रुपए प्रति लीटर हो जाता है। देश में औसतन हर व्यक्ति हर महीने 2.80 लीटर पेट्रोल और 6.32 लीटर डीजल की खपत करता है। इस आधार पर वह हर महीने करीब 298 रुपए केवल टैक्स के रूप में देता है।
इस समय देश में सबसे महंगा पेट्रोल आंध्र प्रदेश में बिक रहा है, जहां इसकी कीमत 108 रुपए प्रति लीटर है। इसके बाद केरल में 107 रुपए, मध्य प्रदेश में 106 रुपए और बिहार में 105 रुपए प्रति लीटर है। आंध्र प्रदेश में डीजल की कीमत भी 96 रुपए प्रति लीटर है।
गौरतलब है कि भारत में पेट्रोल की कीमतों को 2010 और डीजल की कीमतों को 2014 में ग्लोबल मार्केट से जोड़ा गया था। तभी से इनकी कीमतें बाजार के हिसाब से तय होती हैं।