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नई दिल्ली। संसद हमले की 24वीं बरसी पर देश वीर सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि दे रहा है। इन शहीदों ने बिना अपनी जान की परवाह किए आतंकियों के मंसूबों को विफल कर देश की रक्षा की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और अन्य सांसदों ने शहीदों को फूल चढ़ाकर और श्रद्धांजलि देकर उनके बलिदान को याद किया।
मध्यप्रदेश के CM डाॅ. यादव ने साेशल मीडिया X पर शहीदों को श्रध्दांजली अर्पित की। उन्होंने लिखा कि संसद भवन पर आतंकी हमले में शहीद जवानों को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हमारे पराक्रमी जवानों ने हमले का मुंह तोड़ जवाब देते हुए आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया था। अपने प्राण न्यौछावर कर देश के स्वाभिमान की रक्षा करने वाले जवानों पर देश सदैव गौरवान्वित रहेगा।

13 दिसंबर 2001 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन था। उस समय संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था और महिला आरक्षण बिल पर बहस हो रही थी। अचानक 5 आतंकवादी AK-47 लेकर संसद परिसर में दाखिल हो गए। सौभाग्य से तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी कुछ ही समय पहले सदन से निकल चुके थे। गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी सदन में भाषण दे रहे थे।
संसद परिसर में अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। अफरा-तफरी का माहौल बन गया। संसद, जो देश का सबसे सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, उस दिन आतंकियों के हमले का शिकार हो गया। गोलीबारी करीब 45 मिनट तक चली। इस दौरान कई वरिष्ठ नेता और पत्रकार सदन में मौजूद थे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और सभी नेताओं, कर्मचारियों और पत्रकारों को सुरक्षित रहने के लिए वहीं रोक दिया। संसद परिसर को पूरी तरह सील कर दिया गया।
इस हमले में कई सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए। उनका साहस और देशभक्ति आज भी याद की जाती है। उन्होंने आतंकियों के मंसूबों को नाकाम कर देश को बचाया।