Naresh Bhagoria
6 Nov 2025
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले रविवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें 54 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बैठक में विपक्षी दलों ने सरकार के सामने कई संवेदनशील और अहम मुद्दे रखे जिनमें बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण में कथित गड़बड़ी, पहलगाम आतंकी हमला, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का अचानक बंद होना और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में मध्यस्थता के दावे जैसे मामले प्रमुख रहे।
बैठक के दौरान सरकार ने विपक्ष से संसद के सुचारू संचालन में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करती है कि वे संसद में ट्रंप के दावों, पहलगाम आतंकी हमले की चूक और बिहार के एसआईआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण पर स्पष्ट बयान दें। उन्होंने कहा, ‘यह प्रधानमंत्री का दायित्व है कि इतने गंभीर मुद्दों पर वह खुद सदन को जवाब दें।’
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बिहार में मतदाता सूची में छेड़छाड़ को ‘चुनावी घोटाला’ बताया और ट्रंप के संघर्षविराम वाले दावे पर भी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ‘यह सिर्फ तकनीकी मामला नहीं बल्कि लोकतंत्र की जड़ें हिलाने का षड्यंत्र है।’
बीजद नेता सस्मित पात्रा ने ओडिशा की घटनाओं का जिक्र करते हुए राज्यों में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की। उन्होंने केंद्र पर इस जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया।
माकपा के सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ट्रंप के दावों पर खुद संसद में आकर स्थिति साफ करनी चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक सकारात्मक रही और सरकार सभी दलों के सुझावों को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा, हम विपक्ष द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। चाहे वह ऑपरेशन सिंदूर हो या ट्रंप का बयान, हर मुद्दे पर नियमों और संसदीय परंपराओं के तहत चर्चा होगी। उन्होंने आगे कहा कि संसद का सफल संचालन केवल सरकार की नहीं बल्कि विपक्ष की भी साझा जिम्मेदारी है।
किरन रिजिजू ने बताया कि छोटे दलों के सांसदों को भी संसद में पर्याप्त समय मिले, इसके लिए पहल की जाएगी। उन्होंने कहा, हम इस मुद्दे को लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति के समक्ष रखेंगे और कार्य मंत्रणा समिति में भी उठाएंगे ताकि छोटे दलों को पर्याप्त समय मिल सके।
विपक्षी गठबंधन INDIA के नेताओं ने बैठक में स्पष्ट किया कि वे संसद में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखेंगे। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि बिहार, ऑपरेशन सिंदूर, विदेश नीति, दलितों और महिलाओं पर अत्याचार जैसे तमाम विषयों को विपक्ष सदन में जोर-शोर से उठाएगा।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और मंत्री रिजिजू ने कहा कि संसद की गरिमा बनाए रखना सभी दलों की साझा जिम्मेदारी है। सरकार ने कहा कि विभिन्न विचारधाराओं के बावजूद सभी दलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि संसद का सत्र शांतिपूर्ण और उत्पादक रहे।