Aditi Rawat
10 Nov 2025
पाकिस्तान ने 22 जुलाई 2025 को अपनी सबसे ताकतवर बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-3 का परीक्षण किया था। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता करीब 2750 किलोमीटर है। लेकिन परीक्षण के दौरान मिसाइल नियंत्रण से बाहर हो गई और अपने लक्ष्य से भटककर बलूचिस्तान के डेरा बुगती जिले के मट्ट क्षेत्र में जा गिरी। धमाका इतना तेज था कि आवाजें 50 किलोमीटर दूर तक सुनी गईं।
यह इलाका नागरिक बस्तियों से केवल 500 मीटर दूर है। मलबा लूप सेहरानी लेवी स्टेशन के पास ग्रेपन रैवाइन में गिरा, जिससे लोगों में भारी दहशत फैल गई।
धमाके के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना ने पूरे इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी और मीडिया कवरेज पर पाबंदी लगा दी। स्थानीय लोगों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई। इस घटना को दबाने की कोशिश की गई, लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो और तस्वीरों ने मामले को उजागर कर दिया।
मिसाइल डेरा गाजी खान के पास से लॉन्च की गई थी। यह इलाका पाकिस्तान के सबसे बड़े परमाणु केंद्रों में से एक है, जहां यूरेनियम प्रोसेसिंग और हथियार निर्माण का काम होता है। मिसाइल इस केंद्र के पास फटती, तो एक भीषण परमाणु हादसा हो सकता था। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया कि कोई नुकसान नहीं हुआ।
शाहीन-3 मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे पाकिस्तान ने चीन की तकनीकी मदद से विकसित किया है। यह मिसाइल भारत के बड़े शहरों तक मार करने में सक्षम मानी जाती है, लेकिन इसके कई परीक्षण असफल हो चुके हैं।
2023: डेरा गाजी खान में ही एक और परीक्षण विफल, जोरदार धमाका
2021: डेरा बुगती में मिसाइल दुर्घटनाग्रस्त, 5 नागरिक घायल
2020: बाबर-II मिसाइल बलूचिस्तान में फेल
2022: जमशोरो में अज्ञात मिसाइल गिरने का मामला
इन हादसों ने पाकिस्तान की मिसाइल विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान और कई स्थानीय संगठनों ने इस परीक्षण की कड़ी आलोचना की है। उनका आरोप है कि पाकिस्तान की सेना बार-बार बलूचिस्तान को मिसाइल और परमाणु परीक्षणों की प्रयोगशाला बना रही है।
बलूच नेताओं ने कहा-
दुनिया की प्रतिक्रिया:
हालांकि भारत की ओर से इस हादसे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सुरक्षा विश्लेषकों ने इसे पाकिस्तान की सैन्य कमजोरी बताया है। अमेरिका ने भी कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन 2023 में एक समान घटना के बाद अमेरिका का न्यूक्लियर स्निफर विमान उस क्षेत्र में देखा गया था।
पाकिस्तानी प्रशासन ने इस पूरी घटना को “फाइटर जेट की सोनिक बूम” बताकर टालने की कोशिश की है। लेकिन सवाल यह उठते हैं:
इन सवालों पर अभी भी पाकिस्तान सरकार की ओर से चुप्पी बनी हुई है।
भारत के लिए यह घटना दो पहलुओं से अहम है:
पाकिस्तानी मिसाइलों की अविश्वसनीयता: शाहीन-3 जैसी मिसाइल भारत को निशाना बनाने के लिए बनाई गई है। उसके बार-बार फेल होने से पाकिस्तान की जवाबी हमले की क्षमता पर शक पैदा होता है।
परमाणु खतरा: यदि भविष्य में कोई मिसाइल परमाणु केंद्र पर फटती है, तो उसका रेडियोधर्मी असर भारत तक पहुंच सकता है।
पाकिस्तान ने अब 23 से 25 जुलाई के बीच अरब सागर में लाइव मिसाइल फायरिंग ड्रिल का नोटम जारी किया है। इससे साफ है कि पाकिस्तानी सेना अपनी सैन्य गतिविधियों को लेकर आक्रामक रुख अपना रही है।