ताजा खबरराष्ट्रीय

ऑपरेशन शील्ड के तहत पाकिस्तान सीमा से सटे 6 राज्यों में मॉक ड्रिल, सायरन बजा… लोगों को स्ट्रेचर पर लेकर दौड़े स्वास्थ्यकर्मी

नई दिल्ली। पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में आज उस वक्त युद्ध जैसे हालात देखने को मिले जब सायरनों की तेज आवाजें गूंजीं, इमारतों से धुआं उठता नजर आया और स्वास्थ्यकर्मी स्ट्रेचर पर लोगों को लेकर दौड़ते दिखे। हालांकि यह असल आपदा नहीं थी, बल्कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत एक मॉक ड्रिल थी, जिसका उद्देश्य युद्ध या आपदा की स्थिति में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का परीक्षण करना था।

क्या है ऑपरेशन शील्ड

‘ऑपरेशन शील्ड’ एक नागरिक सुरक्षा अभ्यास है, जिसे गृह मंत्रालय द्वारा संभावित युद्ध या बड़े आपदा की स्थिति में आम नागरिकों की सुरक्षा और बचाव के लिए तैयार रहने के मकसद से कराया जाता है। यह अभ्यास विशेष रूप से उन जिलों और शहरों में किया गया जो पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए हैं और किसी भी सैन्य गतिविधि के दौरान अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।

किन राज्यों में हुआ मॉक ड्रिल

यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक साथ आयोजित की गई। मॉकड्रिल के दौरान हवाई हमलों, ड्रोन और मिसाइल हमलों की स्थिति को सजीव रूप से दर्शाया गया, ताकि प्रशासन और नागरिक दोनों के बीच जागरूकता और तैयारियों का मूल्यांकन किया जा सके।

श्रीनगर से लेकर अमृतसर तक अलर्ट मोड

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में डीसी ऑफिस के बाहर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया, जहां आपातकालीन स्थिति के दौरान नागरिकों की आवाजाही, बचाव दल की तैनाती और स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन का अभ्यास किया गया। अमृतसर (पंजाब) में भी मॉकड्रिल की गई। वहां के कमांडेंट जसकरण सिंह ने बताया कि अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह देखना था कि विभिन्न विभाग एक-दूसरे के साथ किस प्रकार समन्वय करते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन, गुरदासपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का जैसे जिले पाकिस्तान सीमा से सटे हुए हैं और उच्च जोखिम में आते हैं। ऐसे में इस तरह के अभ्यासों से प्रशासनिक तैयारियों को परखा जाता है।

डोडा में भी हुआ अभ्यास

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भी ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉकड्रिल की गई। डोडा के अतिरिक्त उपायुक्त अनिल कुमार ठाकुर ने बताया कि जिले में यह दूसरा अभ्यास था और इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन को और मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि इससे प्रशासन को यह समझने में मदद मिलती है कि किस परिस्थिति में कौन सी एजेंसी कैसे और कितनी तेजी से प्रतिक्रिया देती है।

मॉक ड्रिल में कौन-कौन हुए शामिलइस मॉकड्रिल में नागरिक सुरक्षा वॉर्डन, स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी और NCC, NSS, NYKS, भारत स्काउट्स और गाइड्स जैसे युवा स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। सभी को विभिन्न जिम्मेदारियों के तहत तैनात किया गया था, जिससे वास्तविक आपदा की स्थिति में कैसे कार्रवाई करनी है, इसकी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी गई।

अभ्यास के दौरान सायरनों के माध्यम से हवाई हमले की चेतावनी दी गई। कंट्रोल रूम्स में नागरिक सुरक्षा और एयरफोर्स के बीच हॉटलाइन एक्टिव की गई। इसके अलावा ब्लैकआउट के दौरान नागरिकों को खुद को कैसे सुरक्षित रखना है, इसकी भी जानकारी दी गई।

ये भी पढ़ें- सीएम डॉ. मोहन यादव ने इंदौर मेट्रो में किया पहला सफर, कहा- मालवा बढ़ा विकास के नए युग की ओर

संबंधित खबरें...

Back to top button