Priyanshi Soni
28 Oct 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका की पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने भारत को चेतावनी भरे लहजे में सलाह दी है। उनका कहना है कि भारत को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूसी तेल को लेकर जताई गई आपत्तियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हेली ने जोर देकर कहा कि भारत को जल्द से जल्द वॉइट हाउस के साथ मिलकर समाधान तलाशना होगा। उन्होंने साफ कहा कि मौजूदा मतभेद चाहे व्यापार से जुड़े हों या रूस से तेल आयात से, उन्हें दरकिनार कर दोनों देशों को साझा लक्ष्यों पर ध्यान देना चाहिए।
हेली ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा- “भारत को रूसी तेल के मुद्दे पर ट्रंप की बात को गंभीरता से लेना चाहिए। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच दशकों की दोस्ती और विश्वास की नींव है, जिसे मौजूदा तनाव से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।”
निक्की हेली ने स्पष्ट किया कि भारत की ओर से बड़ी मात्रा में रूसी तेल की खरीदारी, व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक सहारा दे रही है। यही वजह है कि ट्रंप प्रशासन ने भारत को 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से संरक्षणवादी अर्थव्यवस्था माना जाता रहा है और उसका औसत टैरिफ अमेरिका से पांच गुना ज्यादा है।
हेली ने यह भी कहा कि अमेरिका को भारत और चीन के बीच फर्क करना चाहिए। चीन भी रूस से तेल खरीद रहा है, लेकिन उस पर कोई ठोस प्रतिबंध नहीं लगाया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत-अमेरिका रिश्तों में दरार आई तो 25 साल की प्रगति बर्बाद हो जाएगी और इसका फायदा सीधे-सीधे चीन को मिलेगा।
निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका को सप्लाई चेन चीन से हटाने के लिए भारत पर भरोसा करना होगा। कपड़ा, सस्ते मोबाइल फोन और सोलर पैनल जैसे उत्पादों के लिए भारत सबसे बड़ा विकल्प है।
रक्षा क्षेत्र में भी भारत अमेरिका और उसके सहयोगियों का अहम पार्टनर बन सकता है। भारत न केवल अमेरिकी रक्षा उपकरणों का बड़ा बाजार है, बल्कि उसकी भौगोलिक स्थिति चीन के ऊर्जा और व्यापार मार्गों के बीच होने के कारण रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
हेली ने जोर देकर कहा कि चीन की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए अमेरिका को भारत जैसे दोस्त की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधी बातचीत की अपील भी की।
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