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Manisha Dhanwani
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार (23 अगस्त 2025) को इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में अमेरिका और पाकिस्तान के बढ़ते रिश्तों पर सवाल उठाते हुए तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका बार-बार पाकिस्तान के साथ अपने इतिहास को भूल जाता है। जयशंकर ने याद दिलाया कि दुनिया का सबसे वांछित आतंकी ओसामा बिन लादेन 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में मिला था।
जयशंकर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भी नकार दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में भूमिका निभाई थी। विदेश मंत्री ने कहा कि हमारी अमेरिका से बातचीत जरूर हुई थी, लेकिन सीजफायर का फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच ही हुआ था।
पाकिस्तान के साथ अमेरिका की नजदीकियों पर सवाल पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान का एक इतिहास रहा है और उस इतिहास को नजरअंदाज करने की भी एक आदत रही है। आज जो पाकिस्तान को सेना का सर्टिफिकेट दे रहे हैं, वही सेना कुछ साल पहले एबटाबाद में घुसी थी। वहां किसे पाया गया था, सबको मालूम है।
जयशंकर ने कहा कि युद्ध के समय हर देश एक-दूसरे से बात करता है। जब हमने पाकिस्तानी ठिकानों पर निशाना साधा तो इस्लामाबाद ने सीजफायर की मांग की। उस दौरान अमेरिका और दूसरे देशों से भी फोन आए थे, लेकिन फैसले भारत और पाकिस्तान के बीच ही हुए। यह कोई नई बात नहीं है, दुनिया के कई युद्धों में ऐसा होता है।