नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी हालात बिगड़ गए हैं। राजधानी पेरिस समेत कई इलाकों में बुधवार (10 सितंबर) को लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं, कचरे के डिब्बों में आग लगा दी और पुलिस से भिड़ गए। सुरक्षा बलों ने कई जगह मोर्चा संभाला और दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार ने आम लोगों के लिए कुछ नहीं किया। लोगों का आरोप है कि जीवनस्तर बेहतर बनाने की बजाय सरकार के खराब वित्तीय प्रबंधन ने स्थिति और खराब कर दी है। इसके अलावा, बजट कटौती के प्रस्ताव से भी जनता बेहद नाराज है।
इस विरोध की पृष्ठभूमि में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव भी हुआ है। संसद ने हाल ही में प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरो को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटा दिया। उन पर देश के बढ़ते कर्ज को नियंत्रित न कर पाने का आरोप था।
इसके बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने मंगलवार (9 सितंबर) को सेबास्टियन लेकोर्नू को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। लेकोर्नू पहले दक्षिणपंथी राजनीति से जुड़े थे, लेकिन 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने मैक्रों का समर्थन किया था।