Naresh Bhagoria
28 Nov 2025
मुंबई। मुंबई की मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आई है। राज्य चुनाव आयोग (SEC) और बीएमसी की हालिया समीक्षा के मुताबिक, 1.03 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 11 लाख एंट्रीज डुप्लीकेट पाई गई हैं। इसका मतलब यह है कि, कुल मतदाताओं का करीब 10.64% दोहराए गए नामों के रूप में दर्ज है। कुछ मामलों में एक ही नाम 103 बार तक दर्ज हुआ है।
डुप्लीकेट मतदाताओं की यह संख्या आगामी मुंबई निकाय चुनावों को भी प्रभावित कर सकती है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 31 जनवरी, 2026 से पहले कराए जाने हैं।
बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, डुप्लीकेट नामों के पीछे कई कारण हैं:
SEC ने कहा कि, यह 11 लाख का आंकड़ा वास्तव में अलग-अलग व्यक्तियों का नहीं है, बल्कि दोहराई गई एंट्रीज को दर्शाता है।
डुप्लीकेट नामों की संख्या कुछ वार्डों में काफी अधिक पाई गई। सबसे अधिक प्रभावित वार्ड इस प्रकार हैं:
वरली (वार्ड 199): 8,207 डुप्लीकेट
घाटकोपर (वार्ड 131): 7,741 डुप्लीकेट
परेल-लालबाग (वार्ड 203): 7,624 डुप्लीकेट
कालाचौकी (वार्ड 205): 7,585 डुप्लीकेट
सेंचुरी मिल (वार्ड 194): 7,584 डुप्लीकेट
इन वार्डों में अधिकांश नाम पहले विपक्षी दलों जैसे शिवसेना (UBT) और एनसीपी (SP) के पार्षदों द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए थे।
मतदाता सूची में आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तारीख पहले 27 नवंबर थी, जिसे अब 3 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। संशोधित अंतिम मतदाता सूची 10 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी।
मुंबई नगर निगम ने मतदाता सूची में सुधार के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य सभी वैध मतदाताओं का नाम केवल एक बार दर्ज होना, फर्जी और डुप्लीकेट एंट्रीज को हटाना है। सफाई अभियान 27 नवंबर से 5 दिसंबर तक चलेगा। नागरिकों से अपील की गई है कि, वे अपने नाम की स्थिति जांचें और किसी भी गलती या डुप्लीकेट के मामले में समय रहते आपत्ति या सुझाव दर्ज कराएं। इस अभियान के पूरा होने के बाद मुंबई की मतदाता सूची अधिक सटीक और पारदर्शी होगी, जिससे आगामी निकाय चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय तरीके से संपन्न हो सके।
इस अभियान की निगरानी के लिए 25 सहायक नगर आयुक्त नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। बीएमसी के बूथ-स्तर के कर्मचारी घर-घर जाकर दस्तावेज जांच और पहचान की पुष्टि कर रहे हैं, ताकि कोई वैध मतदाता छूट न जाए और डुप्लीकेट एंट्री हटाई जा सके।