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मध्य प्रदेश में कूनो नेशनल पार्क में फिर से चीते लौटने वाले हैं। अफ्रीकी देश बोत्सवाना ने भारत को 8 चीते उपहार में दिए हैं, जिन्हें फिलहाल मोकोलोड़ी नेचर रिजर्व में क्वारंटीन किया गया है। इनमें 2 नर और 6 मादा हैं, और क्वारंटीन पूरी होने के बाद ये दिसंबर या जनवरी में भारत लाए जाएंगे। इनके आने से कूनो में चीतों की संख्या 32 हो जाएगी, और कुछ चीतों को बाद में गांधीसागर अभयारण्य शिफ्ट करने पर फैसला होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस उपहार को वन्यजीव संरक्षण में बोत्सवाना की प्रतिबद्धता बताया और कहा कि ये चीते कूनो में अपने साथियों के साथ शामिल होकर ऐतिहासिक प्रजातियों को बहाल करने में मदद करेंगे।
भारत में चीतों की आबादी बढ़ाने के लिए ‘प्रोजेक्ट चीता’ शुरू किया गया है। यह बोत्सवाना के सहयोग से चल रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बोत्सवाना यात्रा के दौरान इस सहयोग को मजबूत किया गया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह पहल भारत के वन्यजीव संरक्षण के लिए ऐतिहासिक कदम है और हम अपने चीतों का अच्छी तरह ध्यान रखेंगे।
मध्य प्रदेश में नौरादेही अभ्यारण्य (वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व) को चीतों का तीसरा घर बनाया जा रहा है। कूनो के शावकों को नौरादेही में ट्रांसलोकेट किया जाएगा। नौरादेही का कोर एरिया 1414 वर्ग किलोमीटर और बफर एरिया 925.12 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां 5 क्वारंटीन बोमा और 5 सॉफ्ट बोमा तैयार किए जा रहे हैं।
बोत्सवाना सरकार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा के दौरान भारत को 8 चीतों को सौंपा। इन चीतों को सबसे पहले मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क लाया जाएगा, जहां उन्हें कुछ समय के लिए क्वारंटीन किया जाएगा। क्वारंटीन पूरा होने के बाद तय होगा कि इन्हें स्थायी रूप से कहां बसाया जाएगा।
साल 2022 में पहली बार नामीबिया से 8 चीते भारत लाए गए। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोटे बाड़ों में छोड़ा था और कुछ समय बाद खुले जंगल में छोड़ दिया गया। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते भारत लाए गए। अब तीसरी बार बोत्सवाना से 8 चीतों को भारत लाया जा रहा है, जिनमें 6 मादा और 2 नर हैं।
भारत में अब कुल 27 चीते हैं, जिनमें 24 कूनो में और 3 गांधीसागर में हैं। इनमें से 16 चीते भारतीय भूमि पर जन्मे हैं। अब तक कुल 26 शावकों का जन्म हो चुका है।