Hemant Nagle
30 Dec 2025
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में दूषित पानी ने गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया है। भागीरथपुरा क्षेत्र में गंदा पानी पीने से 70 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 35 से अधिक लोग बीमार पड़ चुके हैं। उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत के बाद दर्जनों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मामले ने प्रशासन और राजनीति दोनों में हलचल मचा दी है।
सोमवार को भागीरथपुरा निवासी 70 वर्षीय नंदलाल पाल की दूषित पानी पीने से तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि, बीते एक सप्ताह से इलाके में लगातार लोग बीमार हो रहे थे, लेकिन समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।
रहवासियों के अनुसार 24 दिसंबर से क्षेत्र में उल्टी, लूज मोशन, पेट दर्द और मतली की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। अब तक करीब 150 लोग बीमार हो चुके हैं। इनमें से कई मरीज अस्पताल में भर्ती होकर इलाज के बाद डिस्चार्ज भी हो चुके हैं।
फिलहाल 35 से अधिक लोग बीमार हैं, जिनमें से 20 से ज्यादा मरीज वर्मा हॉस्पिटल और अन्य त्रिवेणी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सभी मरीजों की हालत फिलहाल स्थिर है।
प्रशासन को आशंका है कि वार्ड और आसपास के इलाकों में चल रही खुदाई के दौरान ड्रेनेज लाइन क्षतिग्रस्त हुई है, जिससे गंदगी पानी की सप्लाई में मिल गई। कुछ रहवासियों का कहना है कि पानी की टंकी से ही दूषित पानी सप्लाई हो रहा है। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार पानी के सैंपल ले रही हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सभी मरीजों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जरूरी दवाइयों, विशेषज्ञों व संसाधनों की उपलब्धता तत्काल सुनिश्चित की जाए।
सोमवार देर रात नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला और महापौर पुष्यमित्र भार्गव वर्मा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने मरीजों से बातचीत कर स्थिति जानी।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि सभी मरीजों का इलाज पूरी तरह निःशुल्क होगा और जिन लोगों ने इलाज के लिए पैसे जमा किए हैं, उन्हें राशि वापस की जाएगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि जब तक स्थिति सामान्य न हो, पानी उबालकर ही पिएं।
कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि शिकायत मिलते ही चिकित्सा और प्रशासनिक टीमें मौके पर भेज दी गई थीं। पूरे क्षेत्र की लगातार निगरानी की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग को उपचार की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को ही वार्ड कार्यालय में प्रदर्शन किया। विधानसभा क्षेत्र-2 में जोन क्रमांक-8 के अंतर्गत कार्यकर्ताओं ने शंख-घंटी बजाकर और मटके फोड़कर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि वार्ड 30, 37 और 28 में लंबे समय से गंदा पानी, चोक ड्रेनेज लाइन, कचरे के ढेर और सफाई व्यवस्था की अनदेखी हो रही थी, लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं की गई।
भागीरथपुरा की यह घटना एक बार फिर शहरी क्षेत्रों में पेयजल सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की निगरानी पर सवाल खड़े करती है। अब सभी की नजरें जांच रिपोर्ट और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
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