Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश में अब आपात स्थिति में मदद के लिए कई नंबर याद रखने की जरूरत नहीं होगी। प्रदेश सरकार ने डायल-100 का नाम बदलकर इसे डायल-112 के रूप में शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में फ्लैग ऑफ कर इस नई सेवा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह जे.एन. कंसोटिया, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
नई डायल-112 सेवा के तहत अब पुलिस (100), स्वास्थ्य/एंबुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सीडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी आपातकालीन सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रेडियो/दूरसंचार संजीव शमी ने बताया कि यह सेवा इंटीग्रेटेड, स्मार्ट और मल्टी पर्पज सिस्टम है, जिसमें डेटा एनालिटिक्स, रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि समाज की व्यवस्था में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा-
उन्होंने बाबूलाल गौर को डायल-100 की शुरुआत के लिए याद किया और नई सेवा को "अलाउद्दीन का चिराग" बताते हुए कहा कि यह तकनीक के साथ देश के कदम से कदम मिलाने का तरीका है।
डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि 2015 में प्रदेश स्थापना दिवस पर डायल-100 सेवा शुरू हुई थी, जिसके तहत 1,000 चार-पहिया और 150 दो-पहिया वाहन तैनात थे।
जून 2025 तक इस सेवा पर 8.99 करोड़ कॉल आए, जिनमें से 2.07 करोड़ कॉल कार्रवाई योग्य थे और 1.97 करोड़ मामलों में मदद दी गई।
सीएम ने कहा कि कोविड जैसी परिस्थितियों में पुलिस ने जान जोखिम में डालकर सेवा की है। अब तकनीक और एकीकृत व्यवस्था के साथ यह सेवा और अधिक प्रभावी होगी। अब सभी क्षेत्रों को एक ही नंबर में समाहित कर दिया गया है। यह नंबर अलादीन का चिराग बन गया है। हमने 50% बजट बढ़ाया है। मैंने कहा था कि कुछ भी करना, लेकिन सुरक्षा से समझौता मत करना। उन्होंने कहा कि नई चुनौतियां भी बढ़ रही हैं, लेकिन सरकार हर कदम पर पुलिस के साथ खड़ी है और गलत करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।