Aniruddh Singh
21 Sep 2025
अशोक गौतम
भोपाल। मध्यप्रदेश के शहरों में बिकने आने वाले दूध में पानी, आरारोट, केमिकल, स्टार्च, खराब घी और अन्य रसायन मिलाए जा रहे हैं। इसका खुलासा ‘सांची रथ’ के जरिए ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ जांच अभियान में हुआ है। मोबाइल यूनिट के जरिए भोपाल के विभिन्न क्षेत्रों में 419 लोगों ने दूध, घी के सैंपल जांच के लिए दिए थे, इनमें 154 सैंपलों में मिलावट पायी गई है। अभियान में अब तक 20 आवासीय सोसाइटियों को कवर किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा मिलावट खुले दूध में पाई गई है। दूध की शुद्धता को बढ़ावा देने, पैक दूध और दूध उत्पादों में उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से भोपाल फेडरेशन ने ‘सांची रथ’ मोबाइल दूध परीक्षण प्रयोगशाला जून 2025 में लॉन्च की है। इसके जरिए लोगों को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जाती है।
-मिल्क-ओ-स्क्रीन के लिए वसा, प्रोटीन, मिलावट जैसे पानी, सुक्रोज, यूरिया, माल्टोज, अमोनियम सल्फेट रहताहै।
-न्यूट्रलाइजर, ग्लूकोज, स्टार्च, सुक्रोज, यूरिया, माल्टोडेक्स्ट्रिन के लिए डेलमोस स्ट्रिप्स।
-नाइट्रेट और नमक पहचान के लिए एनडीडीबी किट।
-यह सांची रथ (मोबाइल यूनिट) घी, दूध, मावा की जांच करने इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और अन्य शहरों में भी पहुंचेगा।
दूध में पानी, यूरिया, सुक्रोज, ग्लूकोज, माल्टोडेक्स्ट्रिन, नमक, न्यूट्रलाइजर, वनस्पति तेल, अमोनियम सल्फेट, हाई बीआर (विदेशी वसा) आदि पदार्थ मिलाए जाते हैं।
पनीर : स्टार्च मिलावट के लिए एनडीडीबी किट के साथ आयोडीन परीक्षण।
दही : स्टार्च मिलावट के लिए एनडीडीबी किट के साथ आयोडीन परीक्षण।
घी : घी की शुद्धता के लिए ब्यूटाइरो रिफ्रेक्टोमीटर (बीआर) परीक्षण।
बीआर परीक्षण में विफल होने वाले नमूनों के लिए आरएम, पीवी परीक्षण
-मिलावट किट (डेलमोस स्ट्रिप्स और एनडीडीबी किट)
-ब्यूटाइरो रिफ्रेक्टोमीटर (बीआर मशीन)
-सामान्य प्रयोगशाला उपकरण: टेस्ट ट्यूब, बीकर, थर्मामीटर
-आइस बॉक्स और आइस पैक्स
भोपाल फेडरेशन ने ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ अभियान चलाया है। इसमें बहुत सारे सैंपल मिलावट के चलते फेल हुए हैं। मोबाइल यूनिट कॉलोनियों में जाती है, जहां लोग स्वेच्छा से दूध का सेंपल जांच कराने आते हैं और उन्हें इसकी रिपोर्ट दी जाती है। लोगों को खुले दूध के प्रति सचेत रहना चाहिए।
-डॉ.संजय गोवाणी, प्रबंध संचालक, एमपीसीडीएफ भोपाल
मेरे यहां दूध खुला आता था। सांची रथ के माध्यम से इसकी जांच कराई तो दूध में अनुपात से ज्यादा पानी मिला पाया गया और उसमें फैट भी मानक से कम था।
राजेश पालीवाल, निवासी,रचना नगर भोपाल