Aakash Waghmare
21 Oct 2025
मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल मुंबई के आजाद मैदान में बीते 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। मंगलवार को मुंबई पुलिस ने उन्हें और उनके समर्थकों को नोटिस जारी कर मैदान खाली करने का निर्देश दिया। हालांकि, जरांगे ने साफ कहा है कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक मुंबई नहीं छोड़ेंगे, चाहे उनकी जान क्यों न चली जाए।
दरअसल, आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन की अनुमति के दौरान तय शर्तों का उल्लंघन किया।
आंदोलनकारियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) परिसर में कबड्डी, खो-खो और कुश्ती जैसे खेल खेले, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया।
इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सरकार को आदेश दिया कि मंगलवार तक आजाद मैदान और आसपास के इलाकों को खाली कराया जाए।
पुलिस नोटिस के बाद आजाद मैदान में समर्थकों को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने कहा- वे आरक्षण मिलने तक मुंबई से नहीं जाएंगे। उन्होंने समर्थकों से शांति बनाए रखने और हिंसा से बचने की अपील की। इसके साथ ही जरांगे ने सरकार को चेताया कि "अगर मराठा समाज का सम्मान होगा, तो वे भी सरकार का सम्मान करेंगे।"
जरांगे समर्थकों ने मुंबई पुलिस के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। आयोजक वीरेंद्र पवार ने बताया कि वकील सतीश मानेशिंदे अदालत में आंदोलनकारियों का पक्ष रखेंगे।
मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि सरकार ने हैदराबाद गजेटियर लागू करने की मांग को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है। इसके लिए ग्राम स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी। साथ ही, छोटे मामलों में दर्ज केस वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
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